लखनऊ, भीषण गर्मी के कारण विद्युत मांग में उत्तरोत्तर उछाल ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पसीने छुड़ा दिये हैं। मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ता अंतर और स्थानीय गड़बड़ियों के चलते राज्य के अधिसंख्य इलाकों में बत्ती की लुकाछिपी का खेल जारी है।
पावर कारपाेरेशन के अनुसार भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर लगभग 22500 मेगावाट पर पहुंच गयी है। मांग को पूरा करने के लिये केन्द्रीय सेक्टर के अलावा निजी क्षेत्र से बिजली आयात की जा रही है वहीं उत्पादन इकाइयों को पूरी क्षमता से चलाने के प्रयास जारी हैं।
ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा राज्य में विद्युत आपूर्ति पर पैनी निगाह रखे हुये हैं। उन्होने कहा कि तकनीकी कारणों से बंद कुछ उत्पादन इकाइयों के बंद रहने और गर्मी के कारण बढ़ी विद्युत मांग से हालात विषम हुये है हालांकि कारपोरेशन बिजली की मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव उपाय कर रहा है। उन्होने उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से जटिल हालात में सहयोग की अपील की और भरोसा दिलाया कि एक मई से बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी हद तक सुधार होगा।
उन्होने कहा कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी पावर कारपोरेशन प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखने और उपभोक्ताओं को अधिकतम विद्युत आपूर्ति देने के लिये युद्धस्तर पर प्रयासरत है। आज केन्द्रीय सेक्टर 332 मेगावाट, राज्य सेक्टर (पारीक्षा) से 118 मेगावाट तथा अन्य स्रोतों से 331 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता बढ़ गई है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि शहरों को यथा सम्भव कटौती से मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षत्रों में भी अत्यन्त आवश्यकता पड़ने पर ही आपात कटौती की जा रही हैं। कारपोरेशन मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये बिजली खरीदने से लेकर सभी सम्भव उपाय कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 24 घंटे सतर्क रहें और जन शिकायतों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने खराब उपकरणों का त्वरित मरम्मत करने और किसी भी उपकरण के खराब होने की स्थिति का पूर्वानुमान कर भी समय से मरम्मत करने के निर्देश दिये।
श्री शर्मा ने कहा कि गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, वहीं कई बिजली इकाइयां तकनीकी कारणों से हफ्तों से बन्द है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक मई से लगभग दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। सिक्किम एवं हिमाचल प्रदेश से 400 मेगावाट हाइड्रो पावर जुटाने के अलावा बैकिंग (पूर्व में दी गयी बिजली के बदले अब बिजली लेने की व्यवस्था) की 325 मेगावाट विद्युत मध्यप्रदेश से और 283 मेगावाट बिजली राजस्थान से मिलने की सम्भावना है। इसी तरह बिडिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट बिजली की व्यवस्था की जा री है।
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि बिजली संकट से निपटने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने ने उम्मीद जताई कि पहली मई से लगभग डेढ़-दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम होने से बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी हद तक सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन की जो ईकाइयां बन्द है उन्हें भी शीघ्र चालू करके का प्रयास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। विभिन्न स्तरों पर आपूर्ति, उत्पादन, उपभोक्ता सेवा एवं राजस्व प्राप्ति आदि की गहनता मॉनीटरिंग हो रही है। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों अवकाश के दिनों में भी जनता की सेवा करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों के कार्य दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करने पर बल दिया है।