यूपी में स्मार्ट मीटरिंग और निगरानी से मजबूत हुई बिजली वितरण प्रणाली

लखनऊ, वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में स्मार्ट मीटरिंग के जरिए पारदर्शिता, दक्षता और उपभोक्ता हितों के संरक्षण का वर्ष साबित हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब तक लगभग 68 लाख 24 हजार 654 स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश लगातार अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है। अभी तक प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3,20,187 सौर ऊर्जा इंस्टॉलेशन हो चुके हैं। यही नहीं यूपी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता देते हुए उपभोक्ताओं के हितों को केंद्र में रखकर काम किया है। डिजिटल तकनीक आधारित ‘स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत न केवल बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है, बल्कि राजस्व संग्रहण में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश में तीन करोड़, नौ लाख 78 हजार 280 स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 68 लाख 24 हजार 654 मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोग को डिजिटल रूप से ट्रैक करने और बिलिंग प्रक्रिया को सटीक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को सटीक बिलिंग, वास्तविक खपत का आकलन और बिजली चोरी पर अंकुश जैसे अनेक लाभ मिल रहे हैं। पहले जहां अनुमान आधारित बिलिंग से उपभोक्ताओं को शिकायतें रहती थीं, वहीं अब वास्तविक उपयोग के आधार पर पारदर्शी बिल मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है, “स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम न केवल तकनीकी सुधार है, बल्कि उपभोक्ता के प्रति जवाबदेही का प्रतीक भी है।”
बिजली वितरण को और अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए योगी सरकार ने डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (डीटी) मीटरिंग पर विशेष ध्यान दिया है। अब तक 5 लाख 26 हजार 801 डीटी मीटर स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से दो लाख 29 हजार 898 मीटर स्थापित हो चुके हैं। यह व्यवस्था हर ट्रांसफॉर्मर पर बिजली के प्रवाह और खपत की निगरानी को सटीक बनाती है। डीटी मीटर से यह पता लगाना आसान होता है कि किन क्षेत्रों में बिजली की हानि सबसे अधिक है और कहां पर तकनीकी सुधार की आवश्यकता है? इस तकनीक के माध्यम से बिजली चोरी में कमी आई है और लाइन लॉस कम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में बिजली नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए 25,224 फीडर मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक फीडर स्तर पर बिजली आपूर्ति और उपभोग का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से उपलब्ध रहे। फीडर मीटरिंग से आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और ग्रामीण व शहरी दोनों इलाकों में बिजली वितरण की विश्वसनीयता बढ़ी है।
बिजली बिल राहत योजना में 16 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है। 1323 करोड़ की राजस्व धनराशि प्राप्त हुई। सबसे अधिक पूर्वांचल डिस्काम में 6 लाख से ज्यादा पंजीकरण हुआ है।





