लखनऊ, शिवसेना ने यूपी सरकार को ‘इस्लामिक यादव सरकार’ करार दिया है।अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे सम्पादकीय में शिवसेना ने यूपी सरकार की लखनऊ महोत्सव में पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक गुलाम अली के कॉन्सर्ट को लेकर तीखी आलोचना की है। सामना में लिखा है, “द इस्लामिक यादव गवर्नमेंट कहती है कि गुलाम अली को यूपी में हिंदू-मुस्लिम यूनिटी को प्रमोट करने के लिए बुलाया गया था। लेकिन, हिंदू-मुस्लिम यूनिटी को प्रमोट करने के लिए हमें पाकिस्तानी आर्टिस्ट की ही जरूरत क्यों पड़ती है? हमारे देश में ही ऐसे कई मुस्लिम आर्टिस्ट हैं, जो मशहूर हैं। उन्हें क्यों नहीं बुलाया जाता?” शिवसेना ने लिखा, “आने वाले असेंबली इलेक्शन के मद्देनजर यूपी गवर्नमेंट ने एंटी-नेशनल बिजनेस (पाकिस्तानी आर्टिस्ट को इनवाइट करना) शुरू किया है। यूपी से कई मशहूर आर्टिस्ट हुए हैं। लेकिन, मुलायम को पाकिस्तानी आर्टिस्ट में ज्यादा दिलचस्पी है।” सामना ने लिखा, “वे लोग जो सोचते हैं कि पठानकोट अटैक को भूल जाना चाहिए और गुलाम अली को देश में कॉन्सर्ट करने की इजाजत देना सही है, वे देश के गद्दार हैं। पाकिस्तानी गायक को भारत में परफॉर्म करने की परमिशन देकर शहीदों और उनके परिवार का अपमान किया गया है।”
शिवसेना ने सपा गवर्नमेंट के साथ ही बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया है।लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी ने 71 सीटें जीती थीं। अब गुलाम अली के कॉन्सर्ट पर चुपचाप बैठी है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।शिवसेना ने लखनऊ महोत्सव में गुलाम अली का कॉन्सर्ट कराने वाले लोगों के खिलाफ एंटी नेशनल एक्टिविटिस के तहत केस करने की मांग की है।