प्रदेश के सभी थानों मे दर्ज होने वाली सारी एफआईआर इंटरनेट पर अपलोड होने के सम्बंध मे हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग से इस सम्बंध मे जवाब मांगा है। हाईकोर्ट मे इस सम्बंध मे एक जनहित याचिका दायर की गई है। हालांकि जवाब मांगने से पहले हाईकोर्ट का प्रथम दृष्टया यह विचार था कि सभी एफ आई आर इंटरनेट पर अपलोड होने से नुकसान भी हो सकता है। उच्च प्रतिष्ठित पद पर बैठे लोगों की छवि धूमिल करने के उददेश्य से लोग झूठी एफआईआर दर्ज करा सकतें हैं। जनहित याचिका पर आगे सुनवाई 19 नवंबर को होगी।