मैनपुरी, यूपी लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव का साथ परेशानियां आयोग के अध्यक्ष पद पर से हटने के बाद भी कम नही हो रहीं हैं। उन्हे पहले ही गलत तरीके से लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर से हटाया गया और अब मूल पद पर भी काम नही करने दिया जा रहा है। इस दौरान डॉ. अनिल यादव का वेतन भुगतान भी रोक दिया गया है।
यूपी लोक सेवा आयोग मे नियुक्ति से पूर्व, वर्ष 2013 में, डॉ. अनिल यादव चित्रगुप्त महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर नियुक्त थे। इसी बीच उनकी चयन लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर हो गया। तब उन्होंने नियमानुसार, एक 1 अप्रैल 2013 से 1 अप्रैल 2019 तक के लिए प्राचार्य पद से अवकाश लिया। वर्ष 2016 में उन्हे लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। हटाए जाने के बाद उन्होंने फिर से 20 मई 2016 को चित्रगुप्त महाविद्यालय के प्राचार्य पद का कार्यभार कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. शिवजी श्रीवास्तव से प्राप्त कर लिया।
लेकिन उनका दोबारा प्राचार्य पद पर ज्वाइन करना कुछ लोगों को नागवार गुजरा। इसे लेकर चित्रगुप्त महाविद्यालय की प्रबंध समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। याचिका मे प्रबंध समिति द्वारा कहा गया है कि डॉ. अनिल यादव ने अपने पूर्व स्वीकृत अवकाश को निरस्त कराए बिना प्राचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण किया है, जो अवैध है।
सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय द्वारा 25 अप्रैल को एक आदेश पारित कर अनिल यादव को निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के अंदर अपना अवकाश निरस्त कराने का आवेदन प्रबंध समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। उक्त आवेदन पत्र पर प्रबंध समिति को दो सप्ताह के अंदर विचार कर फैसला करने का निर्देश दिया गया है।