लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सोमवार को शुरू होने वाले बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधानमंडल के दोनो सदनो के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगी जबकि 2023-24 का बजट 22 फरवरी को सदन के पटल पर रखा जायेगा। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की है।
उन्होने आग्रह किया कि सदस्य सदन में केवल हाजिरी न लगाए बल्कि सदन में उपस्थिति भी रहें जिससे प्रदेश का विकास हो सके।
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के सचेतक मनोज कुमार पाण्डेय, कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के रघुराज प्रताप सिंह, राजा भईया और बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह समेत अन्य नेता मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य के आय-व्यय की चर्चा हम सब वर्ष 2023 के प्रथम सत्र में करने जा रहे हैं, जो संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप होगा। सदन एक सार्थक चर्चा का माध्यम होता है। हम सब लोगों ने कोराना काल में सदन को बढ़ चढकऱ चलाने का काम किया। जिसे देश दुनिया सराहा गया। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य है जो दिन प्रतिदिन प्रगति के पथ पर है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हम अच्छी तरह जानते हुए कि गुड गवर्नेस की वजह से ही दुबारा चुनकर आये हैं। सभी लोग सदन चलाने में सहयोग करेंगें, यह एक अच्छी परम्परा है। उन्होेने कहा कि सदन चलने पर ही सभी समस्याओं का निदान होता है तथा उसी से प्रदेश विकास पथ पर होगा। श्री खन्ना ने कहा कि नेता सदन की मंशा के अनुरूप चर्चा कर ऐतिहासिक रूप से परम्पराओं का निर्वाहन किया जायेगा। सत्र सुचारू रूप से चलाने के आश्वासन का हम स्वागत करते हैं।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश दफ्तर में रविवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में एक बैठक हुयी जिसमें पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बजट सत्र के दौरान सरकार को विभिन्न मोर्चो पर घेरने की रणनीति पर चर्चा की।