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यूपी विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पारित

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के संकल्प के साथ वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 6.90 लाख करोड़ रूपये के बजट प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानमंडल के दोनो सदनो की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिये स्थगित कर दी गयी।

राज्य की योगी सरकार ने पिछली 22 फरवरी को उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के साथ वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 6.90 लाख करोड़ रूपये से अधिक आकार का बजट विधानसभा में पेश किया था जिसे आज ध्वनिमत से विधानसभा और विधान परिषद में पारित कर दिया गया।

बजट पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने की घोषणा की। 18वीं विधानसभा का 2023 का पहला सत्र 20 फरवरी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी (सपा) के हंगामे को छोड़ कर सदन की कार्यवाही आमतौर पर सुचारू रूप से चली। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के साथ ही एक दूसरे पर व्यंग बाण भी चलाये गये।

बजट में कोई नया कर प्रस्तावित नहीं किया गया है जबकि नयी योजनाओं के लिये 32 हजार 721 करोड़ और 96 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बजट में किसान,युवा, गरीब,जनजाति और महिलाओं समेत समाज के हर तबके काे लाभान्वित करने का प्रयास किया गया है।

बजट में 84,883.16 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.48 प्रतिशत होगा। सरकार का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले साल हुये विधानसभा चुनाव से पूर्व लोकसंकल्प पत्र में किये गये 130 वादों मेंं 119 को इस बजट के माध्यम से पूरा कर लिया गया है जिसमें उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले मुफ्त गैस सिलेंडर की सरकार साल में दो बार होली और दीपावली में मुफ्त रिफलिंग करायेगी। इसके लिये बजट में 3,047 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के अपने वादे को पूरा करते हुए सरकार ने निजी नलकूप उपभोक्ताओं को बिजली बिल में शत-प्रतिशत छूट देेने का फैसला किया है, जिसके लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले बजट में सरकार ने बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी थी। बजट में खाद्य आपूर्ति योजना (अन्नपूर्णा योजना) के लिए 21,791.25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

अगले वित्त वर्ष में सरकार को राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) और मूल्य वर्धित कर (वैट) से 1.50 लाख करोड़ रुपये, उत्पाद शुल्क से 58,000 करोड़ रुपये, स्टांप और पंजीकरण से 34,560 करोड़ रुपये और वाहन कर से 12,672 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह की उम्मीद है।

सरकार की कुल प्राप्तियां 6.83 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें 5.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्तियां और 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। इसकी तुलना में कुल व्यय 6,90,242.43 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें राजस्व खाते में 5,02,354.01 करोड़ रुपये और पूंजी खाते पर 1,87,888.42 करोड़ रुपये शामिल हैं।