यूपी विधानसभा की सुरक्षा मे बड़ी चूक, अब तो जागिये सरकार….

 लखनऊ,  उत्तर प्रदेश विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था में हुयी चूक का मामला प्रकाश में आया है. विधानसभा भवन में चौकसी में हुई चूक का  नतीजा है कि सदन में विपक्ष की कुर्सी के नीचे से पीइटीएन नामक खतरनाक विस्फोटक पदार्थ मिला है.

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घटना 12 जुलाई की बतायी जा रही है. 12 जुलाई को विधानसभा में एक सफेद पाउडर मिला था जिसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था। जांच में खुलासा हुआ है कि यह एक बेहद शक्तिशाली विस्फोटक था। हालांकि विधानसभा में किसी डिटोनेटर की बरामदगी नहीं हुई है। अगर इसके साथ डिटोनेटर भी होता तो बड़ा धमाका हो सकता था। यह विस्फोटक सदन में एक विधायक की सीट के नीचे बरामद हुआ है। विधानसभा की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक के बाद सवाल उठने लगे हैं।

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पीइटीएन नामक यह पावडर उच्च शक्ति वाला विस्फोटक है, जो 12 जुलाई की शाम को विधानसभा के भीतर मिला था। यह विस्फोटक 150 ग्राम की मात्रा में मिला था.इसका पूरा नाम पेंटाईरीथ्रीटोल ट्राईनाइट्रेट है जिसकी छोटी सी मात्रा भी खतरनाक होती है। पीइटीएन विस्फोटक काफी खतरनाक विस्फोटकों में से एक है. यह विस्फोटक रंगहीन आैर गंधहीन होता है। इसे मेटल डिटेक्टर के जरिये भी ढूंढ पाना काफी कठिन है। डाग स्क्वाड भी इसे सूंघकर नही पकड़ सकता है। 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट धमाके में भी इसके उपयोग की बात सामने आई थी वहीं 2009 में नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस में भी इसकी मदद से धमाका करने की कोशिश हुई थी। इसकी 100 ग्राम मात्रा ही एक कार को उड़ाने के लिए काफी है।

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संदिग्ध पाउडर के मिलते इसकी सूचना सबसे पहले मुख्यमंत्री को दी गयी, लेकिन हंगामे को थामने के लिए सदन की कार्यवाही खत्म होने का इंतजार किया गया। गुपचुप तरीके से फॉरेंसिक विशेषज्ञ बुलाये गये और उसे जांच के लिए भेजा गया। विधानसभा सुरक्षा के मुताबिक, विधानसभा खत्म होने के बाद देर रात को बम निरोधक दस्ते समेत कई जांच टीमों ने पूरे विधानसभा को खंगाला था. जब विधानसभा के तमाम अधिकारी और कर्मचारी घर चले गये, तब इस विस्फोटक पाउडर को गुपचुप तरीके से फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक बुलाई जिसमें घटना की जांच एटीएस को सौंप दी है। इसके बाद विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अदित्यनाथ ने कहा कि इस साजिश का पर्दाफाश होगा और इसकी जांच एएनआई से करवाने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा सुरक्षा व्यावस्था केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि सुरक्षा जांच में सहयोग करें साथ ही साथ लाए जाने वाले बैग और मोबाइल विधानसभा के बाहर ही रखें जाएं। किसी को खुश करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ मंजूर नहीं है। विधानसभा की गाइडलाइंस हो साथ ही सुरक्षा में लगे लोगों की पहचान अनिवार्य हो।

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