यूपी विधानसभा चुनाव का पांचवा चरण, अखिलेश को दिला सकता है यूपी की सत्ता

akhilesh-yलखनऊ, यूपी विधानसभा चुनाव का पांचवा चरण, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिये अति महत्वपूर्ण है. आज यूपी के 11‍ जिलों की 51 सीटों पर मतदान हो रहे हैं. पांचवां चरण की विशेषता है कि इस दौर में जो भी पार्टी जीतती है, उसी दल की सरकार बनती है. इसकी बानगी इस बात से समझी जा सकती है कि पिछली बार सपा ने यहां से 37 सीटें जीती थीं. 2007 में बीएसपी के यहां से 26 प्रत्‍याशी जीते थे. 1991 में बीजेपी को यहां से 40 सीटें मिली थीं.

चुनावी विश्‍लेषकों के मुताबिक, इन 11‍ जिलों की खासियत यह है कि हर जिले के अपने अहम चुनावी मुद्दे हैं, जहां बलरामपुर, गोण्डा मे राजघरानों और सामंतवादी ताकतों से आम आदमी की लड़ाई है. तो फैजाबाद, अंबेडकरनगर मे बुनकरों और पावरलूमों की स्थानीय समस्या के साथ-साथ मंदिर – मस्जिद जैसा अहम मुद्दा भी है जिससे पूरा देश प्रभावित है. बस्ती, संत कबीरनगर जिलों मे गन्ना किसानों की समस्या आज भी मुंह बाये है. अमेठी और सुल्तानपुर जिले कांग्रेस की राजनीति की धुरी हैं तो वर्तमान मे अमेठी रानियों के वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चर्चा मे है.

पांचवां चरण खास तौर पर दो वजहों से समाजवादी पार्टी के  लिये बेहद अहम है. समाजवादी पार्टी के पक्ष मे सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एंटी इनकमबैंसी फैक्टर नजर नही आ रहा है. लोगों मे सरकार के काम को लेकर गुस्सा नही है. दूसरी उहम बात यह है कि अखिलेश यादव की युवाओं मे लोकप्रियता ने सभी दलों के नेताओं को पीछे छोड़ दिया है. युवा वोटर की संख्या  पांचवे चरण मे अधिक है जो कि अखिलेश के पक्ष मे होने की उम्मीद है.

इसलिये अखिलेश यादव को अपनी सत्‍्‌ता बचाने के लिये इस चरण मे अपनी बढ़त को बरकरार रखना आसान होगा. हालांकि गठबंधन के तहत सपा पांचवें चरण की सभी सीटों पर खुद नहीं लड़ रही, बल्कि 14 पर गठबंधन की साथी कांग्रेस भी मैदान में है. चार सीटों पर तो दोनों आमने-सामने भी हैं. ऐसे में एक-दूसरे से हार कर भी जीतना है.

 

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