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यूपी विधानसभा में हंगामा, सपा नेता अतुल प्रधान विधानसभा सत्र से निष्कासित

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को उस समय अप्रिय हालात पैदा हो गये, जब प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर मेरठ के सरधना से समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्य अतुल प्रधान के सवाल का जवाब स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक दे रहे थे कि विपक्षी दल नारेबाजी करने लगे।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अतुल प्रधान को अपशब्दों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी और इसके बाद उन्हे शीतकालीन सत्र के लिये सदन से निष्कासित कर दिया। इस पर भी अतुल प्रधान जब सदन के बाहर नहीं निकले तो मार्शलो ने उन्हे बाहर किया। इस बात को लेकर विपक्षी दल भड़क गये और सदन में भारी हंगामा और शोरशराबा मचा रहा।

दरअसल, अतुल प्रधान ने प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं की बदहाली का आरोप लगा कर नियम 56 के तहत सूचना मांगी थी। उनका कहना था कि सरकारी अस्पतालों में न तो दवायें उपलब्ध रहती है और न ही चिकित्सक मौजूद रहते हैं जिसके चलते गरीब मरीजों को मजबूरन महंगे इलाज के लिये निजी नर्सिंग होम्स का रुख करना पड़ता है। उन्होने झांसी मेडिकल कालेज में अग्निकांड में नवजातों की मृत्यु, महराजगंज और उन्नाव में हुयी घटनाओं को जिक्र किया।

इस मुद्दे पर बृजेश पाठक के जवाब से अंसतुष्ट विपक्षी दल नारेबाजी करने लगे, इस बीच श्री प्रधान और राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह आपसे में बहसबाजी करने लगे और दोनो सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुयी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुये दोनो सदस्यों को मर्यादित आचरण की नसीहत दी जिसे अनसुना करते हुये अतुल प्रधान अपनी बात कहते है। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष अपने आसन से उठ गये और उन्होने पहले एक दिन और फिर बाद में पूरे सत्र के लिये अतुल प्रधान को सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया। बहस से गुस्साये सतीश महाना ने यह तक कह दिया, वह अतुल प्रधान की सदस्यता तक समाप्त करा सकते हैं।

इस घटना के विरोध में विपक्षी दल के नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा किया और सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का भी आरोप मढ दिया। उधर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजकर 30 मिनट के लिये स्थगित कर दी।

इस बीच सदन में विपक्षी दल के नेताओं का हंगामा जारी रहा जिसके चलते अनुपूरक बजट पर भी चर्चा स्थगित करनी पड़ी और आखिरकार सदन को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया।

गौरतलब है कि आज शाम पांच बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सदन को संबोधित करना था जिसे भी आज टाल दिया गया।