कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली में मैत्रेय परियोजना को मूर्तरूप में उतारने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से विश्व फलक पर लाने के लिए मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट के नाम से 200 एकड़ भूमि उपनिबंधक कार्यालय कसया में पट्टा किया गया। परियोजना के तहत 500 फीट की जगह अब 200 फीट ऊंची महात्मा बुद्ध की प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी। इसके अलावा चौरिटेबुल अस्पताल, कॉलेज भी खोले जाएंगे। परियोजना का मुख्य लक्ष्य बुद्ध के उपदेशों को विश्व फलक पर विस्तृत करने के साथ कुशीनगर का समग्र विकास करना है।
मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट के चेयरमैन भंते कबीर ने बताया कि परियोजना के निर्माण में करीब पांच वर्ष का समय लगेगा। परियोजना पर काम शुरू होते ही हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वहीं पर्यटन के दृष्टिकोण से भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। बिहार से कुशीनगर तक महात्मा बुद्ध से जुड़े स्थलों को विकसित करने के लिए विश्व बैंक की टीम ने कई दिनों तक सर्वे करने के बाद कुशीनगर में बैठक की। जिलाधिकारी शम्भु कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर के विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत बुद्धा थीम पार्क, मुख्य मंदिर परिसर में लाइट एंड साउंड सिस्टम, कुशीनारा रेस्टोरेंट में पार्किंग स्थल और टूरिस्ट सूचना केंद्र की स्थापना करना है। इसका प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को विकसित करना है। ताकि क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिले तथा उनका आर्थिक स्तर बढ़ सके। पर्यटन विकास के लिए कुशीनगर में अपार संभावनाएं हैं। लेकिन स्वरूप देने के लिए इंफ्रास्टक्चर की जरूरत है। इसके विकास में विश्व बैंक की मदद के साथ प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से भी मदद मिलने की व्यवस्था की गई।
मैत्रेय प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी परियोजना को स्थापित करने के लिए वर्ष 2003 में प्रदेश सरकार ने मैत्रेय ट्रस्ट के साथ अनुबन्ध किया था। लेकिन भूमि अधिग्रहण की जटिल प्रक्रिया की वजह से कोई खाका नहीं तैयार नहीं हो पा रहा था। ट्रस्ट के नाम से 200 एकड़ भूमि पट्टा होने के बाद मैत्रेय परियोजना के अस्तित्व में आने की उम्मीद बढ़ गई है। 13 वर्ष पुराने सपने को प्रदेश सरकार की सकारात्मक पहल पर पूरा होने के पहले चरण की शुरुआत हो गयी है। परियोजना में निर्माण के लिए प्रिजर्वेशन ऑफ महायान ट्रेडिशन धन खर्च करेगी। इसका विश्व के 36 देशों में 147 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।