नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को नोटबंदी पर जनमत संग्रह मानने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उनका कहना कि अगर विपक्ष चाहता है तो पार्टी नोटबंदी पर जनमत संग्रह के लिए तैयार है।
अमित शाह ने नेटवर्क18 समूह के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी को दिए साक्षात्कार में भाजपा को उत्तर प्रदेश में दो-तिहाई सीटें मिलने की उम्मीद जताई और समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी बताया।
शाह ने साक्षात्कार में उत्तर प्रदेश चुनाव को नोटबंदी पर जनमत संग्रह मानने से इनकार करते हुए कहा कि राज्य में कुशासन संबंधित कई मुद्दे हैं, फिर भी अगर विपक्ष चाहेगा तो वह नोटंबदी पर जनमत संग्रह के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कहा, यूपी के लोग नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा के साथ हैं। भाजपा प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण संबंधी बयान पर कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों ने यह स्पष्ट किया है कि आरक्षण की मौजूदा प्रणाली बनी रहनी चाहिए। इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। बातचीत के दौरान शाह ने राम मंदिर के निर्माण पर भी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा, राम मंदिर का निर्माण संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही किया जा सकता है। या तो चर्चा के जरिए या अदालत के आदेश पर। हां, हम राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में। मंदिर निर्माण की पहल भाजपा इस चुनाव के तुरंत बाद करेगी या अगले चुनाव तक यह हो पाएगा, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया। ध्रूवीकरण की राजनीति पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, यदि एक नेता तुष्टिकरण या जातिवाद की राजनीति पर सवाल खड़े करता है तो आप उसे ध्रूवीकरण की राजनीति नहीं कह सकते। अमित शाह ने तीन तलाक को संविधान द्वारा महिलाओं को दिए गए मौलिक अधिकारों पर प्रहार बताया। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में भाजपा का चुनाव अभियान अखिलेश यादव सरकार की लचर कानून-व्यवस्था के ईद-गिर्द होगा। हम महिलाओं की सुरक्षा और बढ़ रहे पलायन जैसे मुद्दों पर जोर देंगे। अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखंड में भी आसानी से सरकार बनाने में कामयाब रहेगी, जबकि पंजाब में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। उन्होंने कहा कि यदि गोवा में पार्टी फिर सत्ता में आती है तो रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री के रूप में वापस गोवा भेजा जा सकता है।
इस बातचीत का प्रसारण ईटीवी यूपी पर रविवार रात आठ बजे और सीएनएन-न्यूज18 पर रात नौ बजे किया जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी दूसरे स्थान पर रही, इस बार भी यह पार्टी अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरी है, लेकिन भाजपा अध्यक्ष इसे मुकाबले में भी नहीं मानते। शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा सामने लाना जरूरी नहीं समझा गया। ऐसा संसदीय पार्टी के फैसले के तहत किया गया। उन्होंने कहा, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी हमने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था, लेकिन हम चुनाव जीते। मैं आपको बता दूं कि हमारा उम्मीदवार जो भी होगा, वह मौजूदा उम्मीदवारों से बेहतर होगा। शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र नहीं किया, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री पद का चेहरा सामने नहीं लाया था, पटना के मौर्या होटल में वह लगातार दो महीने तक डेरा डाले रहे, बिहार के पार्टी नेताओं पर भरोसा करने के बजाय कमान अपने हाथ में रखी। शुरुआत में विकास की बात चलाई, फिर जाति कार्ड खेलते हुए कहा, प्रधानमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं। अंत में धर्म पर आए और कहा, बिहार में अगर भाजपा नहीं जीती तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे। उन्होंने हर दांव चला और प्रधानमंत्री ने रिकार्ड तोड़ते हुए 24 रैलियों को संबोधित किया। आरक्षण बचाने के लिए उन्होंने जान की बाजी तक लगाने की कसम खाई, लेकिन बिहार की जनता ने उन्हें निराश किया।