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ये विदेशी कंपनियां कर सकतीं हैं उत्तर प्रदेश में निवेश ?

लखनऊ , अमेरिका और थाईलैंड की प्रतिष्ठित कंपनियों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जतायी है।

सूबे के निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ब्रिटेन और रूस के बाद आज अमेरिका तथा थाइलैण्ड में भारत के राजदूतों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। उन्होंने दोनों देशों में भारतीय दूतावास से उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की।

श्री सिंह ने अमेरिका में कमर्शियल काउंसलर आफ इण्डियन एम्बेसी डा मनोज महापात्रा से चीन से पलायन करने वाली हनीवेल और बोइंग आदि कंपनियों को उत्तर प्रदेश में लाने के सिलसिले में बात की। उन्होंने श्री पात्रा को बताया कि पूर्व में यूएसआईडी के जरिये अमेरिकी निवेशकों को उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित करने के लिए वर्चुअल रोड-शो किया गया है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है। कल ही माइक्रोसाफ्ट इण्डिया ने उत्तर प्रदेश में माइक्रोसाफ्ट का नया कैम्पस बनाने की सहमति दी।

डा महापात्रा ने कहा कि यूपी में निवेश करने को इच्छुक अमेरिकी निवेशकों की सूची दूतावास को उपलब्ध कराई जायेे, वह स्वयं इन कंपनियों सेे यहां निवेश के लिये सकारात्मक पहल करेंगे। लगभग 80 से 100 अमेरिकी कम्पनियों के प्रस्ताव जो भारत में निवेश करना चाहती हैं उनके पास आ चुके हैं, जिनसे वह लगातार सम्पर्क में हैं।

निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फार्मासिटिकल पार्क की स्थापना कराई जा रही है। क्षेत्र में निवेश के लिये अमेरिका की मेट्रानिक्स तथा माईलेन कम्पनी से बातचीत चल रही है। उन्होंने भारतीय दूतावास से अपेक्षा की कि वे इन कम्पनियों को जल्द से जल्द यूपी में निवेश के लिये पहल करें। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकन यूनिवर्सिटी और उत्तर प्रदेश की यूनिवर्सिटी बीच वेंचर्स स्थापित करते हुए ट्विनिंग प्रोग्राम शुरू करने पर बातचीत की गई।

श्री सिंह आज ही थाइलैण्ड में भारतीय राजदूत सुचिता दुर्राई तथा वहां के उद्यमियों एवं निवेशकों के साथ बातचीत की। वर्चुअल डायलाग में फूड प्रोसेसिंग, लाॅजिस्टिक, कंस्ट्रक्शन, केमिकल, टूरिज्म तथा कैश एण्ड कैरी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने कहा कि थाईलैण्ड और उत्तर प्रदेश के बीच इण्डस्ट्री एवं बिजनेस काउंसलिंग की स्थापना होनी चाहिए।

उन्होंने कहा थाइलैण्ड के जिन उद्यमियों अपने उद्यम के हिसाब से स्किल्ड मैनपावर की आवश्यकता है, उसकी सूची उपलब्ध दें। राज्य सरकार इच्छुक श्रमिकों को उस विधा में कुशल बनाकर थाईलैण्ड भेजेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि थाईलैण्ड के बच्चे जो चीन में पढ़ने जाते हैं, उनको विशेष कार्यक्रम के तहत यूपी भेजा जाना चाहिए।

थाईलैण्ड के डेलीगेट्स का मानना था कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर एअरपोर्ट के बनाने से टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। अधिक से अधिक थाई लोग कुशीनगर का भ्रमण करेंगे। उद्यमियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में थाईलैण्ड के निवेश की अच्छी संभावना है। थाईलैण्ड की प्रतिष्ठित बिग सी सुपरसेंटर जो कि एक बड़ा कैश एण्ड कैरी बिजनेस हाउस है, उन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा प्रकट की।