नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश में लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर के भगवाकरण के प्रयासों की निंदा करते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयोें के छात्रों ने आज यहां उत्तर प्रदेश भवन के बाहर एकत्र होकर राज्य की योगी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
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दिल्ली विश्वविद्यालय की आल इंडिया स्टूडेंट एसाेसिएशन ;आइसा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय अौर जामिया विश्वविद्यालय के सैंकडों छात्रों ने उत्तर प्रदेश भवन के सामने एकत्र होकर लखनऊ विश्वविद्यालय के 14 गिरफ्तार छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग की।
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आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री सुचेता डे ने प्रदर्शनकारी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता में अाने के पहले दिन से ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संवैधानिक मूल्यों पर प्रहार कर रही है और उसने अपने आदमियों को दलिताें,अल्पसंख्यकों तथा उन लोगों पर खुले हमले करने की पूरी छूट दे दी है जो इस सरकार के कामकाज के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि एेसी राज्य सरकार से और क्या उम्मीद की जा सकती है जिसके मुख्यमंत्री का देश के दलिताें और अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसे यह सरकार नक्सली करार दे देती है। सबने देखा है कि जेएनयू के छात्रों को भी नक्सली करार दिया गया औैर अब ऐसा ही भीम सेना तथा याेगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ किया गया है।