सहारनपुर, स्वस्थ्य जीवनशैली, खानपान और नियमित रूप से योग और व्यायाम की आदत कोरोना जैसी महामारी से निपटने में कारगर साबित हो सकती है।
कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा साबित हुयी है हालांकि पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर अब देश में संक्रमण के नये मामलों में कमी आयी है। वैश्विक महामारी से निपटने के लिये चिकित्सकों ने इम्यूनिटी को बढाने पर जोर दिया है जिसमें मल्टी बिटामिन दवाओं के अलावा पौष्टिक खानपान और योग को तरजीह दी गयी है। पोस्ट कोविड मामलों में भी योग ने अपनी महती भूमिका को सिद्ध किया है और आज पूरी दुनिया भारत के ऋषि मुनियो की इस देन को अपना रही है।
इस साल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है “ योग के साथ रहे , घर पर रहे।” यह विषय मौजूदा दौर में प्रासंगिक भी है। समुची दुनिया में कोविड की उथल पुथल से जुझ रही है। इस महामारी ने मनुष्य को न केवल शारीरिक रूप से प्रभावित किया है बल्कि मानसिक रूप से भी सभी को प्रभावित किया है।
आरोग्य योग एवं मैडीटेशन सैन्टर के निदेशक योगी गुलशन कुमार ने शनिवार को बताया “ कोरोना की इस लडाई में सबसे मजबूत शक्ति हमारी स्वयं की इम्यूनिटी है। इस कोरोना काल की अगली लहर से लडने के लिए योग के साथ हमेशा रहना हैं । इम्यूनिटी बनाने का कार्य थाइमस ग्रथि , लिम्फ नोड, स्पलीन , बोन मैरो, टासिल्स आदि ग्रंथियों के द्वारा हमारे शरीर में होता है । यदि योग की क्रियाओं , आसन , प्राणायाम से अपने लिम्फेटिक सिस्टम को सक्रिय रखा जाए तो वह कोविड से बचाव किया जा सकता है। ”
उन्होंने कहा “ ज्यादातर वे लोग जो बुजुर्ग है या श्वास रोगी है, डायबिटिक है, ह्रदय अथवा हाई बल्ड प्रैशर के रोगी है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है वे लोग ही ज्यादातर कोरोना संक्रमित हुए है तथा वे लोग जो शारीरिक व्यायाम नही करते तथा अधिक सुविधा जनक जीवनयापन करते रहे है उनकी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रही है वह अधिकांश लोग कोविड के शिकार हुए है। ऐसे लोग भी जो ज्यादातर नकारात्मक विचारों के कारण तनाव व डिप्रेशन , एन्गजाईटी , घबराहट , कोरोना के डर और भय मे रहे उन्हे भी सांस लेने व छोडने मे कठिनाइयाँ आयी जिससे उनकी इम्यूनिटी डाउन हो गयी व लोग अधिकांश कोरोना के शिकार हुए । जो लोग योग से व्यायाम से जुडे रहे उन्हे कोरोना के माइल्ड लक्षण ही आये है।”
योग गुरू ने कहा कि फिलहाल कोरोना के नये मामलो में गिरावट आयी है लेकिन भविष्य में तीसरी लहर की आंशका बनी हुई है जिसको देखते हुये लोगो अपने बचाव के लिए कुछ योग क्रियाओं व आसनो को आरम्भ कर देना चाहिए। ग्रीवा शक्ति विकासक योग क्रिया को करने के लिये गर्दन सम्बन्धी क्रियाओं में गर्दन को आगे पीछे स्ट्रेचिंग दे , फिर दायीं व बायीं और गर्दन को तानना है । इस प्रकार प्रत्येक क्रिया को 15-15 बार करे।
भुजवल्ली शक्ति विकासक करते समय दोनों बाहों को सीधा रखते हुए एक साथ ऊपर उठाये जिससे हमारी आर्म पिट के नीचे खिचाव आये । इस तरह करने से हमारे वक्ष पर व कन्धो पर स्ट्रेचिंग होने से लिम्फ ग्रंथियाँ सक्रिय होती है जिससे हमारी इम्यूनिटी बडती जाती है।
उन्होने बताया कि ताडासन, अर्ध चक्रासन, कटि चक्रसन, गोमुखासन भुजगासन , धनुरासन आदि के अभ्यास से लंग्स के एल्योलाई से गैसों का एक्सचेंज तेजी से होता है जिससे फेफड़ों के संक्रमण से राहत मिलती है। अनुलोम विलोम, भस्त्रिका व भ्रामरी प्राणायाम से लग्स की एयर कैपासिटि अच्छी हो जाती है । आक्सीजन सैचुरेशन को सुधारने में पिछले दिनो लोगों को काफी मदद मिली। ॐ ध्यान से सकारात्मक विचारों के प्रभाव से डिप्रेशन, तनाव से राहत मिलती चली जाती है। जिससे इम्यूनिटी बढने लगती है।
श्री योगी ने कहा कि आहार परिवर्तन करके शाकाहारी भोजन ले कच्ची सलाद मे टमाटर, खीरा, मूली, ककड़ी ,नीबू आदि अधिक खाये, फलों में अनन्नास, हरा नारियल का पानी, मौसमी, व मौसम के अनुरूप फल खाये। प्रति दिन थोडा ड्राइ फ्रुट भी ले।