यौन उत्पीड़न पर काबू पाने के लिए यूएन जारी करेगा नो एक्सक्यूज कार्ड

gangrape-s_650_101615115430संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र के अंतर्रा्ष्ट्रीय शांति अभियानों में यौन उत्पीडन की घटनाओं पर काबू पाने के व्यापक प्रयास के तहत संगठन शांति रक्षा में लगे सैनिकों को नो एक्यूजेज कार्ड उपलब्ध करवाएगा। यौन उत्पीडन एवं शोषण की घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया में सुधार लाने के लिए तैनात विशेष समन्वयक जेन होल ल्यूट ने कल कहा कि ये कार्ड इस बात को बिल्कुल स्पष्ट कर देंगे कि तैनाती के दौरान व्यवहार के लिहाज से संगठन के मापदंड क्या हैं।

ल्यूट ने कहा, नो एक्सक्यूजेज कार्ड के पीछे का मूल उद्देश्य हमारे अभियान को हर कोण से देखना है और यह कहना है कि इन कृत्यों के हो सकने की संभावना के खिलाफ हम अपने आप को कैसे मजबूत कर सकते हैं? उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि हर किसी को यह पता हो कि उससे क्या उम्मीद की जाती है? इसके अलावा जो अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, उनमें सैनिकों एवं कमांडरों की अनिवार्य तैनाती शामिल है। इसके अलावा पूर्व में यौन उत्पीडन के मामलों में लिप्त रह चुके लोगों को शांति रक्षा अभियानों से दूर रखने के लिए जांचें बढ़ाई भी जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के पास अपनी कोई सेना नहीं है। शांति अभियानों के लिए यह सदस्य देशों की ओर से उपलब्ध करवाए गए सैनिकों और पुलिस पर निर्भर करता है। संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों पर लंबे समय से यौन उत्पीडन करने के आरोप लगते रहे हैं। ये आरोप मुख्यत मध्य अफ्रीकी गणतंत्र और कांगो में लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वर्ष 2015 में यौन उत्पीडन और शोषण के 69 आरोप लगे थे।

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