नई दिल्ली, पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्र सरकार को 5,000 और 10,000 रुपये के नोट जारी करने का सुझाव दिया था। राजन ने बढ़ती महंगाई के चलते 1,000 रुपये के नोट की कीमत कम होने के चलते यह सुझाव दिया था। आरबीआई की ओर से लोक लेखा समिति के द्वारा दी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ।
राजन ने अक्टूबर, 2014 में मोदी सरकार को यह सुझाव दिया था। इसके करीब 18 महीने बाद केंद्र सरकार ने मई, 2016 में आरबीआई को बताया था कि वह 2,000 रुपये के नए नोट लाने की तैयारी में है। जून में इन नोटों की छपाई के लिए प्रिंटिंग प्रेसों को निर्देश जारी किए गए थे। आरबीआई की इस जानकारी से पता चलता है कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच 8 नवंबर को की गई नोटबंदी से पहले किस स्तर पर और क्या बातचीत चल रही थी। मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया था और वह रीप्लेसमेंट करंेसी जल्द चाहती थी, इसलिए 2,000 के नोट जारी करने का फैसला लिया गया। गौरतलब है कि नोटबंदी के शुरुआती दिनों में 2,000 रुपये से खरीददारी करने में भी नकद की बड़ी समस्या सामने आ रही थी। ऐसे में यदि 5,000 या 10,000 रुपये के नोट जारी किए जाते तो यह समस्या और बढ़ सकती थी। इसलिए सरकार ने 5,000 और 10,000 रुपये के नोट जारी नहीं किए।