कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमान्य किए गए नोटों को जमा कराने के दौरान राजनीतिक दलों को करों में छूट दिए जाने के कदम को लेकर आज को केंद्र सरकार की आलोचना की। ममता ने सरकार पर जनता और राजनीतिक दलों के बीच फर्क पैदा करने का आरोप लगाया। बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों को जमा कराने के दौरान राजनीतिक दलों को करों में छूट दिए जाने के शुक्रवार के केंद्र सरकार के फैसले के बाद ममता ने इसकी आलोचना की। ममता ने ट्विटर पर कहा, अगर 500/1000 रुपये के नोट अवैध हैं, तो वे यह दिखाने की कोशिश कैसे कर रहे हैं कि आम जनता और राजनीतिक पार्टियों में फर्क है।
ममता ने राजनीतिक दलों को छूट दिए जाने के पीछे सरकार की कोई गुप्त मंशा होने का आरोप लगाया। ममता ने ट्विटर पर कहा, क्या इसके पीछे कोई खास मकसद है? क्या वे किसी एक राजनीतिक पार्टी के कैडर को कोई गुप्त संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष सरकारी अधिकारी कैसे भ्रामक और गुमराह करने वाले बयान दे रहे हैं। यहां तक कि इन बयानों के आने का समय भी साबित करता है कि इसके पीछे कोई गुप्त मकसद हो सकता है। तृणमूल अध्यक्ष ने भ्रामक और गुमराह करने वाले बयानों पर स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने कहा, अब ये भ्रामक और गुमराह करने वाले बयान क्यों? उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा। उन्हें स्पष्ट करना होगा कि नोटबंदी का मतलब सभी के लिए नोटबंदी है। सभी के लिए नियम एक समान हैं।