राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का ऑडिट कराएं चुनाव आयोग- अन्ना हजारे
November 9, 2016
मुंबई, भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने दो बड़े नोट बंद किए जाने पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। मोदी सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते हुए उन्होंने इसे क्रांतिकारी कदम बताया है। साथ ही राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का ऑडिट कराए जाने की मांग की है।
अन्ना ने बुधवार को कहा, मैंने कुछ समय पहले देशहित में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की मांग की थी। इनसे नकली नोटों के कारोबार और काले धन को बढ़ावा मिल रहा था। इनका उपयोग आतंकियों द्वारा हमारे विरुद्ध किया जा रहा था। इसलिए इन नोटों को बंद करने का निर्णय लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने क्रांतिकारी कदम उठाया है। इसके लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं। इस कदम से काला धन बाहर आएगा और देश की प्रगति हो सकेगी।
अन्ना ने हालांकि 2000 रुपये का नोट चलाए जाने का विरोध किया है। उनका मानना है कि इससे फिर काले धन को बढ़ावा मिलेगा। अन्ना ने यह भी कहा कि पीएम को अब हमारी दूसरी मांग पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल उन्हें मिलने वाले 20,000 रुपयों से अधिक का हिसाब नहीं देते। मौजूदा नियमों के मुताबिक राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये तक के चंदे का हिसाब देना जरूरी नहीं है। अन्ना का मानना है कि राजनीतिक दल इस नियम का फायदा उठाने के लिए चंदा देने वालों से 20-20 हजार के टुकड़ों में पैसा लेते हैं ताकि उन्हें इस धन का हिसाब न देना पड़े। इसलिए चुनाव आयोग को इस चंदे का ऑडिट करना चाहिए।