राजनेताओं की गलत बात न मानें अधिकारी – राजनाथ सिंह

नई दिल्ली,  गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सिविल सेवा के अधिकारियों को प्रमुख पदों पर आसीन राजनेताओं की हां में हां न मिलाने की हिदायत देते हुये उनकी गलतियों के खिलाफ मुखरता से कार्रवाई करने का आह्वान किया है। राजनाथ सिंह ने आज 11वें लोकसेवा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में देश भर से जुटे लोकसेवकों से देश और जनता के हित में किसी भी तरह के दबाव में आये बिना अपना काम जारी रखने को कहा।

उन्होंने कहा कि अगर प्रमुख पदों पर आसीन सियासी जमात के लोग कोई गलत आदेश दें तो लोक सेवक बेहिचक उन्हें कानून दिखा कर बतायें कि गलत आदेश देकर वे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। इतना ही नहीं सिंह ने अधिकारियों से ऐसे किसी फैसले से जुड़ी फाइल पर दस्तखत भी नहीं करने को कहा। उनका इशारा साफ तौर पर केन्द्र शासित राज्यों दिल्ली और गोवा में राज्य सरकार और नौकरशाहों के बीच हाल ही में अधिकारक्षेत्र को लेकर उपजे विवाद की ओर था।

दिल्ली सरकार में अधिकारक्षेत्र का विवाद अदालत तक जा पहुंचा है। गृह मंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि वे अहम पदों पर बैठे राजनेताओं की हां में हां मिलाते हुये आंख मूंद कर उनके आदेशों का पालन न करें। सिंह ने कहा कि सरकार गुड गवर्नेंस के लक्ष्य को स्मार्ट गवर्नेंस तक ले जाने के लिये प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस प्रतिबद्धता को तकनीक और लोकसेवकों की मदद से ही पूरा किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि देश और जनता के हित में लोकसेवक अपनी अंतरात्मा की आवाज को दबा कर काम न करें। इसके साथ ही सामाजिक बदलाव का हवाला देते हुये सिंह ने लोक सेवकों को मिले विधिक अधिकारों का जिम्मेदारी और जवाबदेही से इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों को कानूनी अधिकार मिलने के साथ जिम्मेदारी और जवाबदेही के अलावा निष्पक्षता का दायित्व भी मिला है। निष्पक्ष नहीं रहने पर यह अधिकारियों के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे देशहित प्रभावित होने का खतरा पैदा होना निश्चित है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अधिकारी भ्रम की स्थिति में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से विचार विमर्श करें लेकिन किसी भी हाल में निर्णय लेने की क्षमता से समझौता न करें। सिंह ने कहा कि भारतीय राजव्यवस्था में प्रशासनिक सततता के कारण कभी भी व्यवस्था में शून्य की स्थिति नहीं आयी। इसका श्रेय उन्होंने लोकसेवकों के लगातार काम करने की प्रवृत्ति को देते हुये इसे भारतीय लोकतंत्र की कामयाबी का सूचक बताया। उन्होंने कहा कि इस श्रेष्ठ प्रशासन को स्मार्ट प्रशासन में तब्दील करने के लिये प्रधानमंत्री मोदी के जनधन, आधार और मोबाइल फोन कनेक्टिविटी  के सूत्र को फलीभूत करने में लोकसेवकों की अहम भूमिका है।

इन तीन कामों को समाज के अंतिम छोर तक ले जाने से ही लाखों निर्धन परिवारों को सस्ता भोजन मुहैया कराने की अंत्योदय योजना को कामयाब बनाने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता पूरी हो सकती है। गृह मंत्री ने कहा कि साल 2022 तक सभी को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य मुहैया कराने के मोदी के सपने को साकार करने में लोकसेवकों को और अधिक सक्रिय एवं प्रभावी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने इस भूमिका निर्वाह की प्रतिबद्धता को पूरा करने का विश्वास व्यक्त करते हुये कहा कि सरदार पटेल ने भारतीय सिविल सेवा को भारतीय व्यवस्था का इस्पात का ढांचा बताया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुये सरदार पटेल ने 1948 में लोकसेवकों के लिये नीति निर्देश तय किये थे, जो कि आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इनके आज भी सामयिक रहने का ही नतीजा है कि सिविल सेवा भारतीय व्यवस्था के लिये स्टील का ढांचा बनी हुई है।

Related Articles

Back to top button