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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया 13 ग्रामीण महिलाओं का सम्मान

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को मातृशक्ति सम्मान समारोह में विभिन्न जनपदों से विविध क्षेत्र में कार्यरत एसएचजी समूह की 13 ग्रामीण महिलाओं को सम्मानित किया।

राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर श्रीमती पटेल ने उपस्थित नारी शक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह से महिलाएं हिम्मत करके जुड़ी व विविध उद्यमों से आय सृजन कर आत्मनिर्भर बनी। हमें पहले अंदाजा ही नहीं था कि महिलाओं की शक्ति का उपयोग देश हित में भी हो सकता है, किन्तु अब समय बदला है और ग्रामीण महिलाएं भी आगे आईं हैं तथा देश, समाज और परिवार की उन्नति हेतु कार्य कर रही हैं।

महिलाओं को शक्तिमान बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं विविध माध्यम से अपने आय का सृजन कर उसका उपयोग परिवार को आगे बढ़ाने व बेटे-बेटियों को पढ़ाने में करती है। उन्होंने महिलाओं के समय प्रबंधन की तारीफ करते हुए बताया कि कैसे घर के कामकाज के साथ-साथ वे अन्य कार्यों को भी करती है तथा घर में सबसे बाद में सोती है और यदि घर में छोटे बच्चे हो तो रात में जागती भी हैं। राज्यपाल ने कहा कि हम लोगों ने महिला शक्ति का इतने सालों से उपयोग ही नहीं किया।

राज्यपाल ने केंद्र और राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह अब घर-घर तक पहुंची है और सभी योजनाओं को पात्र लाभार्थी तक पहुंचाना हमारा दायित्व बनता है ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं का सम्मान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की विविध लघु उद्यमों में सक्रियता से आय सृजन के साथ-साथ उनकी सोच भी बदली है। विगत वर्षों से शिक्षा में आ रहे बदलाव की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज विश्वविद्यालयों में 80 प्रतिशत छात्राएं परिणाम दे रही हैं।

राज्यपाल ने जनपदों में जेल भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जेल में ज्यादातर महिला बंदी दहेज के आरोपी होती हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित एसएचजी समूह की महिलाओं को कहा कि वे आसपास हो रहे बाल विवाह पर पुलिस को सूचित करें तथा दहेज की मांग पर वहां जाकर विरोध करें।

राज्यपाल ने कहा कि समाज में परिवर्तन आकस्मिक नहीं बल्कि क्रमिक एवं धीरे-धीरे होता है। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी महिलाओं को ढूंढना चाहिए जिन्होंने समाज और परिवार के लिए कार्य किया है व उन्हें सम्मानित किए जाने की जरूरत है। राज्यपाल जी ने आज के कार्यक्रम में उपस्थित एवं सम्मानित महिलाओं से आगे और पढ़ने हेतु प्रेरित किया और कहा कि इस कार्य हेतु राजभवन से अपेक्षित मदद मिलेगी।
राज्यपाल ने उपस्थित नारी शक्तियों केे साथ-साथ उनके सहयोग व कार्य करने की आजादी देने हेतु उनके परिवारजनों को भी बधाई दी।

इस अवसर पर कुल 13 महिलाओं को सम्मानित किया गया, जो प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं थीं व विभिन्न लघु उद्यमों से जुड़ी हुई थीं। कार्यक्रम में वाराणसी से चंदा देवी तथा चंदौली से आई गायत्री देवी ने मंच पर अपने अनुभव भी साझा किये तथा राज्यपाल जी ने उनसे उनकी आय, बच्चों की पढ़ाई, कार्य शुरू करने के बाद परिवार को मिल रही सुविधाओं आदि के बारे में जानकारी ली व उन्हें जीवन में और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार, अवनीश अवस्थी ने कहा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि प्रदेश को महिला राज्यपाल मिली हैं। उन्होंने राजभवन तक सामान्य व्यक्तियों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल की भूमिका की सराहना की। आज हर महिला, हर लड़की को उनका अधिकार मालूम है तथा विकसित भारत को आगे बढ़ाना तभी संभव है जब महिला आगे बढ़े ।

इस अवसर पर टाइम्स ग्रुप के नवभारत टाइम्स के मैनेजिंग एडिटर रंजीत कुमार व विविध क्षेत्रों से आई हुई महिलाएं तथा अन्य गणमान्य मौजूद रहे।