लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वार मेमोरियल सूर्या सभागार, मध्य कमान कैंट, लखनऊ में देश के वीरगति प्राप्त सैनिकों की पत्नियों-वीर नारियों को सम्मानित करने हेतु आयोजित ‘वीर नारी अभिनंदन समारोह कार्यक्रम‘ की अध्यक्षता की।
शहीदों की स्मृति में राज्यपाल जी ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने 29 वीर शहीदों की पत्नियों, माताओं-वीर नारियों को अंग वस्त्र एवं सम्मान राशि के रूप में प्रत्येक को रुपये 11 हजार के चेक प्रदान किए। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा महिलाओं में कैंसर से बचाव हेतु कमांड अस्पताल लखनऊ के मैमोग्राफी केंद्र का ई-लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने वीर नारियों से हाल-चाल जाना उनसे संवाद स्थापित किया व उनके स्वस्थ, सफल व दीर्घ जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सभागार में सम्बोधित करते हुए कहा कि माँ भारती के महान सपूत शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि ही वीर नारी शक्ति का वास्तविक सम्मान है। इसी क्रम में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशभर में वृहद स्तर पर ‘मेरी माटी-मेरा देश‘ अभियान के अंतर्गत आयोजित अमृत कलश यात्रा, हर घर तिरंगा अभियान के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों, वीर सपूतों के स्मरण की विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान के अन्तर्गत 9 अगस्त से 15 अगस्त, 2023 तक शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिये पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा करते हुए वीर गति को प्राप्त कर जाते हैं, उनका बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने सन् 1962, 1965, 1971 के युद्ध, ऑपरेशन कारगिल, गलवान घाटी की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सभी चुनौतियों का हमारे सैनिकों ने न केवल डटकर सामना किया, बल्कि विजय की परम्परा को भी जारी रखा। हमारा राष्ट्र उनका सदैव ऋणी और कृतज्ञ रहेगा।
उन्होंने शहीद वीर सैनिक तथा उनके परिवार को देश की धरोहर बताते हुए कहा कि इनकी देखभाल की जिम्मेदारी देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वीरगति प्राप्त सैनिकों की पत्नियों द्वारा अपने बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा तथा वृद्ध सास-ससुर की देखभाल करने की जिम्मेदारी को साहस और उत्तरदायित्व के साथ निभाया जाता है। उन्होंने इन वीर नारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सशस्त्र सेना, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों की चर्चा भी की।
राज्यपाल ने बताया कि समय-समय पर जिला स्तर पर हमारे जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी इन वीर और साहसी महिलाओं की समस्याओं को सुनते हैं और उसे सुलझाने का प्रयास भी करते हैं। वतन पर मर-मिटने वालों के परिजनों के लिए आगे बढ़ना आसान नहीं होता। शहीद परिवार का पूरा बोझ वीर नारी ही अपने कंधे पर उठाती है। इसके बाद भी वह अपने बेटे को देश सेवा में भेजने के लिये तत्पर रहती है।
समारोह में राज्यपाल ने महिला स्वास्थय पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि महिलाओं में सर्वाधिक कैंसर के केसेज में सर्वाइकल कैंसर का नाम आता है, जिससे बचाव हेतु व 9 से 14 वर्ष बालिकाओं का एच0पी0वी0 टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में फण्ड भी स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से बालिकाओं में एच0पी0वी0 टीका का डोज दिया जाता है। ज्ञातव्य है कि अब तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की 200 छात्राओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस कार्य हेतु राजभवन से रुपये 10 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई है एवं विभिन्न संस्थानों को भी इस कार्य हेतु प्रेरित किया गया है।
इस अवसर पर सेन्ट्रल कमांड के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल एनए0 राजा सुब्रमनी ने माननीय राज्यपाल जी की उपस्थिति को प्रेरणादायी बताया व नारी सशक्तिकरण को भारतीय सेना की संस्कृति बताया।
समारोह में सेवारत एवं सेवानिवृत्त वीर सैनिक, शहीद वीर सैनिकों की पत्नियां, माताएं-वीर नारियाँ और उनके परिजन व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।