लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय, गोरखपुर का आठवाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल ने समारोह का शुभारम्भ सरस्वती माँ की प्रतिमा के समक्ष कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ किया।
आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में सभी उपाधि एवं पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना के साथ सभी प्रतिभागियों को आज देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे गणेश चतुर्थी पर्व की शुभकामनाएं दीं। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कुल 1119 छात्र और 400 छात्राओं को स्नातक और परास्नातक की उपाधि तथा 29 शोध विद्यार्थियों को शोध उपाधि प्रदान की। मेधावी विद्यार्थियों को 42 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
उन्होंने उपाधि ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों से कहा कि उनकी सफलताओं के पीछे अभिभावक और गुरूजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सम्बोधन में प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था, विश्वविद्यालयों में विविध विषयों की उच्च शैक्षिक व्यवस्था की चर्चा करते हुए हाल ही भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में लगायी गयी नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर पर भी चर्चा की।
राज्यपाल ने भारत द्वारा चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने में महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि देश की बेटियाँ अब अनंत को चुनौतियाँ दे रही हैं।
आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के अपने सम्बोधन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयासों, विश्वस्तर पर भारतीय युवाओं के लिए बढ़ते अवसरों, भारत में तकनीकी क्षेत्र का बढ़ता प्रसार और उपयोग, युवाओं के लिए भारत में बढ़ते स्टार्ट-अप के अवसरों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजकल युवाओं में नवाचार की प्रवृत्ति बढ़ी है। तकनीक का सही समय पर सही उपयोग समाज को नई शक्ति देता है। युवा आज वैश्विक समस्याओं के समाधानों की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। उन्होंने प्रबन्धन और इंजीनियरिंग के छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्रों में नवाचार, कौशल, सृजनात्मकता एवं स्वरोजगार की प्रवृत्ति विकसित करने, ग्रामीण समुदाय के साथ भागीदारी करने की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों को जमीनी हकीकत की जानकारी होगी और उनमें संवेदनशीलता बढ़ेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को केन्द्र सरकार की जनहितकारी ‘आयुष्मान भव योजना‘ तथा ‘पी.एम. विश्वकर्मा योजना‘ की जानकारी भी दी एवं इसको लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए कहा, जिससे उन्हें स्वास्थय लाभ और व्यवसाय की प्रगति कि दिशा में समुचित सहायता और लाभ प्राप्त हो सकें।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि तथा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आई.टी.आई., श्री राजेश राय ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किए और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय परिसर के प्रशासनिक भवन के सामने पारिजात का पौधारोपण भी किया।