नई दिल्ली, रीयल एस्टेट कंपनी पाश्र्वनाथ डेवलेपर्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ गुरूग्राम में एक्जोटिका प्रोजेक्ट में उनके फ्लैट के ओनरशिप को लेकर समझौता कर लिया गया है। कंपनी ने न्यायालय को बताया कि उसे सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री के साथ हुए समझौते की शर्तों को लागू करने के लिए 12 सप्ताह के समय की जरुरत है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एम एम शांतनागौदार ने मामले की सुनवायी के लिए सितंबर के पहले सप्ताह का समय तय किया। इससे पहले वकील गोपाल शंकरनारायण ने समझौते को लागू करने के लिए समय मांगा था। राज्यवर्धन ने डेवलेपर द्वारा उन्हें दिए गए फ्लैट में कई कमियां बताते हुए कहा था कि वह फ्लैट रहने लायक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित वकीलों की समिति ने 20 फरवरी को न्यायालय को बताया कि राज्यवर्धन और डेवलेपर के बीच बातचीत पूरी होने वाली है और दोनों पक्षों के बीच समझौते के मसौदे का आदान प्रदान हुआ है। न्यायालय ने राज्यवर्धन के आरोपों की जांच के लिए वकीलों की दो सदस्यीय समिति गठित की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 14 दिसंबर को राठौड़ को बिल्डर के प्रतिनिधियों के साथ बैठने और सौहार्दपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने के लिए कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रीयल एस्टेट कंपनी को फ्लैट में कमियां दूर करने के निर्देश दिए थे।