अमरावती, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले लंबे समय से लंबित विधयेक को राजग सरकार राज्यसभा में बहुमत प्राप्त करने के बाद पारित करेगी। उन्होंने यहां राष्ट्रीय महिला संसद को संबोधित करते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में यह बात है और वह दिन दूर नहीं है जब संसद आम सहमति से महिलाओं को आरक्षण देने वाले इस विधयेक को पारित करेगी। जैसे ही हमें राज्यसभा में बहुमत हासिल होता है, हम इस विधेयक को पारित करेंगे।
आंध्र प्रदेश विधानसभा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय महिला संसद (एनडब्ल्यूपी) कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि सिर्फ विधेयक ही काफी नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरत राजनीतिक इच्छा शक्ति और प्रशासनिक कौशल की है। इस संबंध में राजनीतिक दलों को दृढ़ विश्वास दिखाने की जरूरत है। आंध्र प्रदेश विधानसभा की ओर से महिला सशक्तिकरण-लोकतंत्र सुदृढ़ीकरण विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला संसद (एनडब्ल्यूपी) कार्यक्रम का आयोजन आज से राज्य की राजधानी अमरावती में शुरू हो गया। बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और पी अशोक गजपति राजू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी, बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरीन चौधरी, गांधीवादी इला भट्ट, अभिनेत्री मनीषा कोइराला सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम पवित्र संगम में आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में प्रोत्साहित करना और सक्षम बनाना है। महिलाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए नए विचार और अवधारणा पैदा करना भी इस कार्यक्रम के लक्ष्यों में शामिल है। इस कार्यक्रम में एक इंटरनेशनल वुमन आइकन ऑफ द वर्ल्ड अवॉर्ड और 12 बेस्ट यंग एचीवर्स अवार्ड भी दिए जाएंगे। महिला सशक्तिकरण की चुनौतियों, महिलाओं की स्थिति और पहचान के मुद्दों पर यहां सात सत्र आयोजित किए जाएंगे। विधानसभा के अध्यक्ष कोडेला शिवप्रसाद राव ने गुरुवार को कहा था कि भारत और विदेश की 91 महिला सांसद, 401 विधायक, सामाजिक और कॉरपोरेट क्षेत्र की 300 महिला प्रमुखों के इस कार्यक्रम में आने की उम्मीद है। वहीं, सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवदेनशील 10,000 छात्राएं भी हिस्सा लेंगी। कार्यक्रम में कुपोषण, सामाजिक सुरक्षा, यौन उत्पीड़न, स्वच्छता, उत्पीड़न और लिंग आधारित अन्य समस्याओं पर चर्चा होगी।