राज्यसभा में महिलाओं के मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों में प्रवेश का मुद्दा उठा

rajyasabha1 आज कांग्रेस की एक सदस्य ने महाराष्ट्र में अहमदनगर के एक शनि मंदिर सहित देश के कई मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का कड़ा विरोध करते हुए मांग की कि उन्हें उनका हक दिया जाना चाहिए। कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उस शनि मंदिर में महिलाओं का जाना मना है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एक महिला के वहां जाने के बाद मंदिर के चबूतरे को साफ किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर महिलाओं का उस मंदिर में प्रवेश करने पर रोक है वहीं सुरक्षाकर्मी शराब पीकर पहरा दे रहे थे। रजनी ने कहा कि ऐसी खबर है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में कोई यंत्र लगाया जा रहा है जिससे रजस्वला महिलाओं के प्रवेश को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुंबई के हाजी अली दरगाह में भी महिलाओं को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं का विरोध करते हुए कहा कि महिलाओं को भी उनका हक मिलना चाहिए। शून्यकाल में ही माकपा की झरना दास बैद्य ने हरियाणा के पंचायती राज कानून का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें स्थानीय चुनाव लड़ने वालों के लिए कुछ शर्तें रखी गयी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शिक्षा निर्धारित करने से दूरगामी असर होंगे। माकपा सदस्य ने कहा कि इस संशोधन के कारण बड़ी संख्या में दलित और सामान्य वर्ग के लोग चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे।

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