नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की कर्तव्य निष्ठा , लगन , मेहनत और कार्य के प्रति समर्पण देश, समाज और विशेष रूप से युवाओं के लिए प्रेरणादायी रहा है और उनके अनुभव का देश को आगे भी लाभ मिलता रहेगा।
राज्यसभा के सभापति के रूप में श्री नायडू का बुधवार को कार्यकाल समाप्त होने से पहले श्री मोदी ने सदन में उनके सम्मान में विदायी भाषण देते हुए कहा , “ यह बेहद भावुक पल है, कितने ही ऐतिहासिक पल सदन में आपकी उपस्थिति से जुड़े हैं। ” श्री नायडू की पूर्व में कही गयी बातों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप भले ही राजनीति से रिटायर्ड हो जायें लेकिन सार्वजनिक जीवन में आपके लंबे अनुभव का लाभ देश को मिलता रहेगा।
आजादी के अमृतकाल के 25 वर्षों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश का नेतृत्व भी नये युग के हाथों में है। उन्होंने कहा , “ इस बार जब देश स्वतंत्रता दिवस मनायेगा तो राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति , लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के पद पर ऐसे लोग आसीन होंगे जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है और ये सभी बेहद साधारण घरों से आते हैं। ” उन्होंने कहा कि इस बात का अपना संदेश है और यही नये युग का प्रतीक भी है।
श्री नायडू के उप राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने युवाओं के कल्याण और मार्गदर्शन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। श्री नायडू का युवाओं से विशेष लगाव रहा है और उनके 25 प्रतिशत भाषण युवाओं के बीच तथा उनके कल्याण तथा प्रगति पर केन्द्रीत रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री नायडू ने अलग अलग भूमिकाओं में रहते हुए देश के प्रति पूरी निष्ठा , लगन, समर्पण और मेहनत से काम किया। उन्होंने कहा कि इसी लगन और सामर्थ्य के बल पर श्री नायडू दक्षिण भारत में भाजपा की मशाल उठाये रहे और एक दिन पार्टी के अध्यक्ष पद पर पहुंचे।
श्री मोदी ने कहा कि श्री नायडू ने सदन में मातृ भाषा में विचार रखने के लिए सदस्यों को प्रोत्साहित किया और उनके नेतृत्व में राज्यसभा की उत्पादकता 70 प्रतिशत बढी तथा सदस्यों की उपस्थिति में भी वृद्धि हुई। श्री नायडू को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि राज्यसभा उनकी विरासत का अनुसरण करती रहेगी।