राफेल पर कांग्रेस का तंज, एनडीए सरकार की डील में मेक इन इंडिया गायब

 indनई दिल्ली, भारतीय वायु सेना के इतिहास में 23 सितंबर 2016 यादगार दिन के तौर पर दर्ज हो गया है। 7.8 बिलियन यूरो वाले 36 राफेल विमान सौदों पर भारत और फ्रांस में करार हुआ। लेकिन इस सौदे पर बोलते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि मौजूदा सरकार में करार पूरी तरह से फ्रांस की तरफ झुका हुआ है।

देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 126 मल्टी रोल कंबाट क्रॉफ्ट की खरीद की शुरुआत यूपीए सरकार के दौरान ही शुरु कर दी गई थी। एंटनी ने मौजूदा सरकार की रक्षा तैयारियों पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि वायु सेना के लिए 42 स्कवैड्रन स्वीकृत हैं। लेकिन मौजूदा समय में 32 स्कवैड्रन काम कर रहे हैं। 2022 तक इनकी संख्या घटकर 25 हो जाएगी। ऐसे में एनडीए सरकार क्या कर रही है। सच ये है कि आज के दौर में भारतीय सीमाओं पर सुरक्षा का संकट ज्यादा है। एके एंटनी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान फ्रांस के साथ राफेल डील पर जो बातचीत शुरू हुई उसमें 50 फीसद ऑफसेट का प्रावधान था। इसके अलावा 18 लड़ाकू विमानों को फ्रांस में बनाया जाना था और 8 विमानों का उत्पादन भारत में होना था। लेकिन इस सरकार में जो सौदा हुआ है उसमें मेक इन इंडिया गायब है।

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