अयोध्या, अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर पर नवनिर्मित भव्य और दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिये अनुष्ठान में 151 वैदिक आचार्य भाग लेंगे।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के स्थापित होने के बाद पहली आरती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उतारेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 151 वैदिक आचार्यों को लगाया जा रहा है। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजेन्द्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का विगत दिनों चयन हुआ है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य होंगे। उनके साथ 151 पंडितों की टोली रहेगी जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे।
उन्होंने बताया कि 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर रामजन्मभूमि में स्थापित की जायेगी जबकि 18 जनवरी से पूजन-अर्चन, अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जायेंगे। जटायु उन कारसेवकों, बलिदानियों के प्रतीक हैं जिन्होंने भगवान के कार्य के लिये जीवन को न्यौछावर किया है। उन सबके प्रतिनिधि के रूप में जटायु को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। उसके बाद वह रामलला का प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
कार्यक्रम में मौजूद देश भर से आये साधु संतों से आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद समारोह में देश-विदेश से आये अतिथियों को रामलला के दर्शन कराये जायेंगे।