मथुरा, जवाहर बाग कांड का मुख्य सरगना गाजीपुर निवासी रामवृक्ष यादव के 2 जून की हिंसा के दौरान मारे जाने की रिपोर्ट को एडीजे नवम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सीएमओ को डीएनए जांच कराने के आदेश दिए हैं। ज्ञात हो कि 2 जून की जवाहर बाग हिंसा में इस कांड का मुख्य सरगना रामवृक्ष यादव के मारे जाने की चर्चायें जोरों पर चल रही थीं। रामवृक्ष यादव के मारे जाने की पुष्टि स्वयं पुलिस अधिकारियों ने भी की थी। जवाहर बाग हिंसा में मारे गए 27 लोगों में एक शव की शिनाख्त रामवृक्ष यादव के जेल में बंद करीबी हरनाथ सिंह ने रामवृक्ष यादव के ही रूप में की थी। इससे इस बात को बल मिला कि रामवृक्ष यादव मारा गया है। पुलिस के अनुसार भी रामवृक्ष यादव आगजनी में मारा गया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस ने कोर्ट ने दाखिल की। मगर आज यह रिपोर्ट एडीजे नवम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं। कोर्ट के अनुसार रामवृक्ष यादव की मौत संबंधी एक पेज की यह रिपोर्ट तथ्य परक नहीं है। कोर्ट ने यह रिपोर्ट यह कहते हुए खारिज कर दी है कि मृतक की पहचान परिजनों द्वारा नहीं वरन् एक अन्य व्यक्ति द्वारा कराई गई है। शिनाख्त के लिए परिजनों को भी नहीं बुलाया गया, जिससे रिपोर्ट में संदेह की स्थिति पैदा हो रही है। रामवृक्ष यादव की मौत की वास्तविक पुष्टि करने के लिए डीएनए जांच होना आवश्यक है। इसके लिए कोर्ट ने सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि कथित रामवृक्ष यादव के शव के सुरक्षित किए गए नमूनों से डीएनए जांच किसी अति निकट रिश्तेदार के डीएनए से कराई जाए, ताकि रामवृक्ष के मौत की गुत्थी सुलझ सके।