नई दिल्ली, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वित्त पोषण और अन्य मुद्दों के चलते देश में नया स्टार्टअप शुरू करना आसान काम नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि देश में ऐसे नए उद्यमों के लिए बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है।
इसलिए देश के युवाओं के नवोन्मेषी विचारों को मूर्त रूप देने के लिए एक अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की जरूरत है। मुखर्जी ने पिच एट द रेट आरबी को संबोधित करते हुए निवेशकों का आह्वान किया कि वे नवोन्मेषण को आगे बढ़ाने के लिए जोखिम उठाएं। उन्होंने कहा कि भारत में 4500 स्टार्टअप का पारिस्थितिकी तंत्र है। यह दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इसके बावजूद यहां कोई नया स्टार्टअप शुरू करना आसान नहीं है।