नयी दिल्ली, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती पर नयी दिल्ली स्थित उनके समाधि स्थलल ‘सदैव अटल’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर श्री वाजपेयी की चिरस्थायी विरासत का सम्मान करते हुए ‘सुशासन दिवस’ भी मनाया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जेपी नड्डा उन शीर्ष नेताओं में शामिल रहे, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारीवाजपेयी को याद करते हुए श्री मोदी ने एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को ‘भारत के 21वीं सदी में प्रवेश के वास्तुकार’ के रूप में संबोधित किया, जिसने देश की आर्थिक प्रगति के लिए मंच तैयार किया।
श्री मोदी ने लिखा “ वह एक ऐसे राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जो अनगिनत लोगों को प्रेरित करते रहे हैं।”
लेख में श्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए पलों की तस्वीरें भी साझा कीं। श्री मोदी ने कहा कि उनके जैसे भाजपा के कई सदस्यों के लिए श्री वाजपेयी जैसे व्यक्ति से सीखना और उनसे बातचीत करना सौभाग्य की बात है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा देश 21वीं सदी में प्रवेश को लेकर भारत के वास्तुकार होने के लिए हमेशा अटल जी का आभारी रहेगा। जब उन्होंने 1998 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब हमारा देश राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। यह अटल जी ही थे, जिन्होंने स्थिर और प्रभावी शासन प्रदान करके इस स्थिति को बदल दिया।”
श्री मोदी ने नोट में लिखा “ वे एक साधारण पृष्ठभूमि से आते थे, उन्होंने आम नागरिक के संघर्ष और प्रभावी शासन की परिवर्तनकारी शक्ति को महसूस किया।”
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को वर्तमान मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वे तीन मौकों पर भारत के प्रधानमंत्री रहे, पहली बार 1996 में 13 दिनों के कार्यकाल के लिए, उसके बाद 1998 से 1999 के बीच 13 महीने के कार्यकाल के लिए और बाद में 1999 से 2004 के बीच उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। श्री वाजपेयी को 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।