राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण

गोरखपुर, उत्तर व्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नॉलेज सिटी बन रहे गोरखपुर में एक नए शैक्षिक इतिहास का सृजन होने जा रहा है और यह इतिहास गोरखपुर में योगी के विजन से बने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के साथ रचा जाएगा जिसका लोकार्पण 30 जून को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों संभावित है।

आधिकारिक यूत्रों ने मंगलवार को बताया कि यह गोरखपुर का चौथा विश्वविद्यालय होगा और साथ ही यहां का पहला ऐसा विश्वविद्यालय जिसकी नींव भी राष्ट्रपति ने रखी और अब लोकार्पण भी राष्ट्रपति के हाथों होगा। दोनों आयोजनों में राष्ट्रपति को गोरखपुर बुलाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ के नाम होगा।

महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम बने आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
ने किया था जबकि लोकार्पण वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु करेंगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी में
52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267़ 50 करोड़ रुपये है। यह योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और इसका शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के बुलावे पर आगामी 30 जून को इसका लोकार्पण राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों संभावित है।

सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ
आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने बताया कि वर्तमान समय में
आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है। फैसिलिटी सेंटर ,कुलपति आवास,
अलग.अलग प्रकार के स्टाफ आवास पूर्ण रूपेण तैयार हैं जबकि एकेडमिक और हॉस्पिटल ब्लॉक में सिर्फ
कतिपय फिनिशिंग और बालक.बालिका छात्रावास में फाइनल कोट पेंटिंग से जुड़े कार्य शेष हैं। इन्हें भी
अधिकतम अगले दस दिन में पूरा करने की हिदायत कार्यदायी संस्था को दी गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी
होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है
के नियमन के लिए अलग.अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं पर राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व
में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से
ही होता है। वर्तमान सत्र में प्रदेश के करीब सौ आयुष शिक्षण ;आयुर्वेदए होम्योपैथी और यूनानीद्ध के
कॉलेजध्संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।

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