नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद से तीसरी बार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने आरोप लगाया कि बड़े नोटों को अमान्य करने और इसका विरोध करने पर दुर्भावना की राजनीति के तहत पार्टी के दो सांसदों को गिरफ्तार करके मोदी सरकार ने सुपर आपातकाल थोपने का काम किया है।
नोटबंदी के विरोध में साउथ एवन्यू से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए तृणमूल सांसदों ने नोटबंदी के कथित फैसले के कारण 120 लोगों की मौत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और स्थिति खराब होने को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा, गंभीर स्थिति को रेखांकित करने के बाद हमने सबसे पहले इसे वित्तीय आपातकाल कहा था। आज हम मानते हैं कि यह अब सुपर आपातकाल हो गया है और इसलिए इस बात को राष्ट्रपति के साथ साझा किया। रोजवैली चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पाल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, क्योंकि आप जानते हैं कि क्या हो रहा है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम (नोटबंदी) और इसके कारण होने वाली पीड़ा को लेकर विरोध किया था। जो कुछ भी हो रहा है, उसके समय को देखते हुए यह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर किया जा रहा है। इस तरह से राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर काम करने की स्थिति देश में पहले कभी नहीं देखी गई। 50 दिनों में लोगों की परेशानियां कम होने की मोदी की घोषणा पर प्रहार करते हुए ओब्रायन ने कहा कि इसकी बजाए स्थिति और खराब हुई है और 25 करोड़ दैनिक मजदूर प्रभावित हो रहे हैं।