नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक शांति पूर्वक संपन्न हो गयी। बैठक मे कई मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें देश के आर्थिक, राजनीतिक और लोकपाल जैसे कई मुद्दे शामिल रहे। सात घंटे तक चली इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
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आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक मे खास बात यह रही कि एक बार फिर कुमार विश्वास को लेकर पार्टी में किस तरह से ‘अविश्वास’ का माहौल का बनता जा रहा है , वह साफ नजर आया। पार्टी हर बार राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुमार विश्वास को मुख्य वक्ता बनाती थी, लेकिन इस बार पार्टी ने कुल 5 वक्ताओं का बोलना तय किया है, जिनमें कुमार विश्वास का नाम शामिल नहीं हुआ।
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पार्टी ने जो औपचारिक एजेंडा जारी किया, उसमे कुमार विश्वास नही रहे-
1. मनीष सिसोदिया- वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम. पार्टी की दिल्ली सरकार के कामकाज की जानकारी देंगे।
2. गोपाल राय- दिल्ली संयोजक, दिल्ली में पार्टी के संगठन के स्तर और क्षमता की जानकारी देंगे।
3. संजय सिंह- वरिष्ठ नेता. देश के आर्थिक हालात, बेरोज़गारी और किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे।
4. आशुतोष- वरिष्ठ नेता, राजनीतिक प्रस्ताव पर प्रेजेंटेशन देंगे।
5. अरविंद केजरीवाल- राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री, अपना भाषण देंगे।
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कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी किया घोषणा पत्र……..बैठक के बाद पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘उन्हें राजस्थान में पार्टी की तैयारियों को लेकर बोलने को कहा गया था। उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि दो बार बोले।’ इस पर कुमार विश्वास ने पार्टी के दावे को खारिज करते हुए कहा, ‘मैं सोचता था कि बीजेपी और कांग्रेस ही मेरे बोलने से डरते हैं। लेकिन, यहां कुछ और लोग हैं, जो मेरे मुंह खोलने से डरते हैं।’
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कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ”ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरो, ग़म बोले तो क्या होगा, ख़ामोशी से डरने वालो, ‘हम’ बोले तो क्या होगा..??”
हालांकि, राष्ट्रीय परिषद के मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी नेता संजय सिंह ने भी कहा कि बैठक के दौरान सभी लोगों को बोलने का मौका दिया गया है।
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पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार पर सवाल उठाने के बाद से ही कुमार विश्वास और पार्टी नेतृत्व में खींचतान चल रही है। यह झगड़ा उस वक्त ज्यादा बढ़ गया था, जब दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास को ‘आरएसएस का एजेंट’ करार देते हुए उन पर पार्टी को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाया था।
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इस पर कुमार विश्वास ने गहरी नाराजगी जताई थी, जिस पर अमानतुल्ला को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन वह निलंबन के बाद भी दिल्ली विधानसभा के महत्वपूर्ण पैनलों में बने हुए थे। यही नहीं अमानतुल्ला खान की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी अरविंद केजरीवाल शामिल हुए थे। बात फिर तब बिगड़ गटी जब सोमवार को ही अमानतुल्ला खान का पार्टी से निलंबन वापस ले लिया गया।
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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की वार्षिक बैठक मे एक बात तो साफ हो गयी है कि अब पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास की पहले जैसी हैसियत नही रह गयी है। हालांकि बैठक में खुलकर कोई हंगामा नहीं हुआ, लेकिन दोनों ही पक्षों का तनाव साफ नजर आया। सूत्रों के अनुसार, यह विवाद टल जरूर गया है, लेकिन थमा नहीं है। जल्दी ही कुमार विश्वास और पार्टी नेतृत्व के बीच बड़ा धमाका हो सकता है।
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