नयी दिल्ली, संसद की लोक लेखा समिति ने देश के प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारकों से अतिक्रमण को हटाने के लिए राज्य स्तर पर समन्वय समिति का शीघ्र गठन करने और राजस्व जुटाने के लिए स्मारकों को किराये पर देने की संभावना तलाशने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की सिफारिश की है।
समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में रिक्त पड़े एक तिहाई पदों को जल्द भरने तथा उसके कैडर के पुनर्गठन के लिए संशोधित रिपोर्ट पेश करने का भी सुझाव दिया है और राष्ट्रीय संग्रहालय प्राधिकरण के गठन में विलम्ब पर गहरी चिंता भी व्यक्त की है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति ने अपनी 118वीं रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। समिति ने अपनी 39वीं रिपोर्ट की अनुशंसा पर सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की समीक्षा करते हुए यह रिपोर्ट दी है।
समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि स्मारकों एवं विरासत स्थलों से तत्काल अवैध अतिक्रमणों को हटाने के लिए शीघ्र ही राज्यों में समन्वय समिति गठित करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश के प्रमुख स्मारकों को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए अपने परिसरों को एक दिशा निर्देश के साथ पारिवारिक समारोह के लिए किराये पर देने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की जायेए जो इसकी संभावनाओं की तलाश कर सके।
समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के रिक्त पदों को भरने के लिए उसके कैडर का पुनर्गठन करने के लिए 2017 में ही अनुशंसाएं की गयी थी लेकिन 18 माह बीत जाने के बाद भी संस्कृति मंत्रालय द्वारा उसे वित्त मंत्रालय के निर्देश पर दोबारा पेश नहीं किया गया। समिति ने कहा है कि संशोधित रिपोर्ट पेश किये जाने के एक महीने के भीतर उसको अंतिम रूप दिया जाये और उसकी सूचना समिति को दी जाये। समिति ने यह भी कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकतर पद तकनीकी पद हैं इसलिए बेहतर लोगों को नियुक्त करने के लिए वेतनमान की सीमा बढ़ाने की सिफारिश की है।