बर्कले , कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आज आरोप लगाया कि घृणा और ध्रुवीकरण की राजनीति से लाखों लोग यह महसूस करने लगे हैं कि अपने ही देश में अब उनका कोई भविष्य नहीं है, श्री गांधी ने अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने संबोधन के बाद सवालों के जवाब में कहा ,‘ ध्रुवीकरण की कुरूप राजनीति ने भारत में अपना सिर उठा लिया है, उदारवादी पत्रकारों की जान ली जा रही है, दलितों की पीट -पीट कर हत्या की जा रही है और गोमांस खाने के शक में मुसलमानों को मारा जा रहा है, यह भारत में नयी चीज है और इससे देश को बहुत नुकसान हो रहा है ।
’ उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति ने देश में विभाजन और ध्रुवीकरण कर दिया है जिससे लाखों लोग यह महसूस करने लगे हैं कि अपने ही देश में उनका कोई भविष्य नहीं रह गया है । परस्पर एकदूसरे से जुडी आज दुनिया में यह निहायत खतरनाक है ।
राहुल गांधी ने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में छात्रों और बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने भाजपा द्वारा बार-बार उन्हें विमुख राजनेता के तौर पर प्रचारित करने के हथकंडे को खारिज किया।
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस का पुनर्विन्यास करने के लिए प्रयासरत हैं तथा कोशिश कर रहे हैं कि युवा वर्ग के लोग और वरिष्ठ नेता एक दूसरे के साथ मिलकर काम करें। गांधी ने केंद्र सरकार पर कश्मीर घाटी में शांति का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। “हमने जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली के लिए नौ वर्ष तक चुपचाप काम किया। संप्रग-2 सरकार के कार्यकाल में आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई, लेकिन भाजपा सरकार ने 30 दिनों में ही कश्मीर की शांति को बिगाड़ कर रख दिया। ”
राजग सरकार की विदेश नीति के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “संप्रग सरकार ने अमेरिका, रूस और ईरान जैसे देशों के साथ अच्छा संबंध स्थापित किया था, लेकिन मौजूदा स्थिति भारत को कमजोर बना रही है। आज रूस पाकिस्तान को हथियार बेच रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ ऐसा पहले नहीं होता था। नेपाल, बर्मा, श्रीलंका, मालदीव में चीन का दबदबा बढ़ रहा है, विदेश नीति में बैलेंस करना जरूरी है। अमेरिका के साथ दोस्ती करना जरूरी लेकिन दूसरे देशों से भी रिश्ते बनाना जरूरी है।
राहुल ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर 9 साल मैंने, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम और जयराम रमेश के साथ मिलकर काम किया। कश्मीर में मैंने जब काम शुरू किया था, तब वहां आतंकवाद चरम पर था।इसके बावजूद हमने आतंकी सोच को कम करके शांति का माहौल स्थापित करने का काम किया।
राहुल ने कहा कि 2013 में मैंने मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा कि आप की सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है। इस बात के लिए हमने बड़े-बड़े भाषण नहीं दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के अवाम का दिल जीतने के लिए छोटे स्तर पर लोगों से बात की और उनका विश्वास जीता। कश्मीर में हमने एंटी इंडिया की सोच को खत्म करके पंचायती राज काम किया।