राहुल गांधी को मानहानि मामले में मिली जमानत

लखनऊ, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सैनिकों के लिए आपत्तिजनक बयान देने के आरोपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लखनऊ की एमपीएमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। राहुल गांधी को हिरासत में लेने के बाद एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम आलोक वर्मा ने सशर्त जमानत दे दी। न्यायालय ने आरोपी राहुल गांधी को बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानतें और बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ अगस्त की तारीख तय की है। इसके पहले आरोपी राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में आत्मसमर्पण और जमानत अर्जी दी। इसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को हिरासत में ले लिया। कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत देते हुए कहा कि राहुल गांधी न्यायिक कार्यवाही में पूर्ण सहयोग देंगे और जब भी कोर्ट बुलाएगी उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना होगा।

कोर्ट ने आगे कहा की जब भी गवाह आएगा तो आरोपी के वकील उससे जिरह करेंगे। अगर आरोपी राहुल गांधी की ओर से विचरण में सहयोग नहीं किया गया तो उनकी जमानत निरस्त करके नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

राहुल गांधी को जमानत देने की मांग करते हुए उनके वकील ने कहा कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। राहुल गांधी रायबरेली से सांसद हैं। लिहाजा, उनके भागने की संभावना नहीं है। वहीं, मामले के परिवादी सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव के वकील ने राहुल गांधी की जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने बताया कि यह मामला सेना से सेवानिवृत्त तथा पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की मानहानि का है और अगर आरोपी को जमानत दी गई तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी ने सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास किया है।

सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक ( भारतीय सेना में कर्नल के पद के समकक्ष) उदय शंकर श्रीवास्तव की ओर से वकील ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया था। बताया था कि 16 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के सीमा पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई झड़प का जिक्र किया था। कहा था कि ‘लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या क्या पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों की ओर से हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक बार भी सवाल नहीं पूछेंगे।
नौ तारीख को सीमा पर चीनी व भारतीय सेना के बीच विवाद होने के बाद भारतीय सेना ने 12 दिसंबर को आधिकारिक बयान जारी किया था। बताया था कि चीनी सेना भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रही थी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। लिहाजा, चीनी सेना अपने क्षेत्र में वापस चली गई। इस झड़प में दोनों पक्षों को मामूली चोटें आई थी। परिवाद में आरोप लगाते हुए कहा गया कि राहुल गांधी के झूठे बयान से परिवादी को आघात लगा है और लोग वादी के ऊपर भारतीय सेना को लेकर कटाक्ष करते हैं।
वादी ने आरोप लगाकर कहा कि राहुल गांधी के इस बयान से भारतीय सेना, सैनिकों के परिवार और वादी की मानहानि हुई है। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को बतौर आरोपी तलब किया था।

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