कोडाड , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बीच “साझेदारी’’ होने का आरोप लगाया और केंद्र में तथा राज्य में उनकी सत्ता खत्म करने का प्रण लिया।
सात दिसंबर को राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नीत गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने कहा, “कुछ दिनों में, तेलंगाना में एक आंधी आएगी, बदलाव की आंधी और तेलंगाना की जनता की आवाज फिर से राज्य को चलाएगी और तेलंगाना के सपनों को पूरा करेगी।”गांधी ने कहा, “इस काम को पूरा करने में हम आपके साथ खड़े होना चाहेंगे। हम आपको सुनेंगे और राज्य चलाएंगे। हम चाहते हैं कि आप अपने तेलंगाना का निर्माण करें और ऐसा होने जा रहा है।”चुनावों से पहले अपनी आखिरी चुनावी सभा में गांधी ने ‘‘नरेंद्र मोदी और केसीआर के बीच एक साझेदारी होने” का आरोप लगाया। केसीआर दिल्ली में (केंद्रीय स्तर पर) नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं।”
अपने इस संदर्भ की पुष्टि के लिए उन्होंने ध्यान दिलाया कि टीआरएस ने जीएसटी, नोटबंदी और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा नीत राजग सरकार का समर्थन किया। गांधी ने कहा कि टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) का “वास्तविक नाम” टी-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) है। उन्होंने कहा, “और इसका (टीआरएस) काम देश में नरेंद्र मोदी का बचाव करना है। हम इस साझेदारी को तोड़ने जा रहे हैं। सबसे पहले, हम यहां (तेलंगाना में) केसीआर को हराएंगे। और फिर कांग्रेस एवं अन्य पार्टियां नरेंद्र मोदी को हराएंगी।”
उन्होंने कहा, “हम मोदी को हटाने को लेकर दृढ़ हैं। गांधी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषणों में उनकी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना में कांग्रेस नीत गठबंधन के अन्य नेताओं की आलोचना की लेकिन केसीआर को बख्श दिया। उन्होंने आरोप लगाया, “नरेंद्र मोदी के पास तेलंगाना का रिमोट कंट्रोल है। केसीआर ने भ्रष्टाचार किया। सीबीआई एवं ईडी नरेंद्र मोदी के हाथों में है।”
गांधी ने मोदी एवं केसीआर पर किसानों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही केसीआर पर तेलंगाना में “परिवारवाद” को बढ़ावा देने का भी इल्जाम मढ़ा। गांधी ने रैली में मौजूद लोगों से कहा, “हमारा लक्ष्य चोरों से पैसा छीन कर ईमानदार लोगों को देना है… हम अनिल अंबानी, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या की जेबों से पैसा निकलवा कर आपको देंगे। भाजपा की ही तरह टीआरएस भी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है। वहीं कांग्रेस और तेदेपा ‘पीपल्स फ्रंट’ का हिस्सा हैं जिसमें भाकपा एवं तेलंगाना जन समिति भी शामिल हैं।