नई दिल्ली, राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चार्ज संभाल लिया।इस मौके पर सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपने अंतिम संबोधन मे जहां देश मे संवैधानिक मूल्यों को बचाने की बात कही वहीं राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने को एक नये दौर की शुरूआत बताया।शुरूआत मे, कांग्रेस वर्कर्स के पटाखे फोड़ने की वजह से उन्हें तीन बार अपनी स्पीच रोकनी पड़ी।
सोनिया गांधी ने कहा- “मैं राहुल को अध्यक्ष बनने की शुभकामनाएं, बधाई और आशीर्वाद देती हूं। आज मैं आखिरी बार कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर संबोधित कर रही हूं। आपके सामने अब एक नया दौर है।अब आप सबको एक नई शुरुआत करनी है। मैं एक मां के तौर पर राहुल की तारीफ नहीं करना चाहती, लेकिन उन्होंने पिछले कुछ सालों में काफी व्यक्तिगत हमले झेले हैं, जिससे वे निडर और साहसी बने हैं।
उन्होने कहा कि 20 साल पहले जब आपने मुझे अध्यक्ष पद के लिए चुना और मैं इसी तरह संबोधित करने के लिए खड़ी थी। मुझे घबराहट थी कि कैसे इस संगठन को संभालूंगी। तब मेरे सामने एक कठिन कर्तव्य था। तब तक मेरा राजनीति से बहुत वास्ता नहीं पड़ा था।मैं जिस परिवार में शादी होकर आई, वह क्रांतिकारी परिवार था। उस परिवार का एक-एक सदस्य जेल जा सकता था। देश ही उनका जीवन था। इंदिराजी से मैंने काफी कुछ सीखा। इंदिराजी की मौत के बाद मुझे लगा कि मेरी मां मुझसे छिन गईं।
एक बड़ा खुलासा करते हुये सोनिया गांधी ने कहा कि मैं अपने बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहती थी। इंदिराजी के बाद मेरे पति राजीव ने जिम्मेदारी को समझा, प्रधानमंत्री पद संभाला। पूरे देश की समस्याओं को जाना। इंदिराजी की हत्या के 7 साल बाद राजीवजी को भी मार दिया गया।उन्होने उस समय के हालात का जिक्र करते हुये कहा कि देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए मैं राजनीति में आई। उस वक्त 3 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं। केंद्र से भी हम काफी दूर थे। आप सबके सहयोग से हमने बेमिसाल कामयाबी हासिल की।
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण, मेरे साथ इस सफर के साथी रहे हैं। आपने हमेशा मेरा साथ दिया है। इसकी तुलना नहीं हो सकती। मेरे शुरुआती दौर में एकजुट रखने की कोशिश की थी। 2004 से 2014 तक हमने अन्य पार्टियों के साथ मिलकर देश को एक प्रगतिशील सरकार दी। इस जिम्मेदारी को डॉ. मनमोहन सिंह ने बड़ी जिम्मेदारी के साथ संभाला।’ इस दौरान हमने जो कानून बनाए वो करोड़ों लोगों के फायदे के लिए थे। 2014 से हम विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं।
अाज जो चुनौती है, वो कभी नहीं रही। हम कई चुनाव हार चुके हैं। संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया जा रहा है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।देश और मूल्यों की रक्षा करना आपका मकसद है। हम सब जानते हैं कि मूल्यों पर किस तरह हमला किया जा रहा है। हर तरह से भय-संदेह का माहौल बनाया जा रहा है। कांग्रेस को भी अपने अंदर झांककर देखना होगा। अगर हम अपने मूल्यों पर खरे नहीं उतरेंगे तो बेहतर काम नहीं कर पाएंगे।
सोनिया ने कहा- मुझे पूरी आशा है कि नवीन नेतृत्व से पार्टी में नया जोश आएगा। मुझे विश्वास है कि वे पार्टी का नेतृत्व पूरे धैर्य और जिम्मेदारी के साथ करेंगे।20 साल हो गए। करीब-करीब एक जीवन गुजर गया। आपके असीम प्यार और विश्वास के लिए शुक्रिया अदा करती हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद।