जोधपुर, संभाग के चार जिलों में आई बाढ़ के बाद उपजे हालातों का जायजा लेने के लिए राजनेताओं के आने का क्रम जारी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बाद पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार को इन बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरान किया। बाड़मेर में सचिन पायलट और कांग्रेस के महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हे रिसीव किया। इसके बाद वे यहां से सांचौर में बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने राजस्थान के कई बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया।
राहुल सवेरे सबसे पहले डेडवा गांव पहुंचे। वहां उन्होंने लोगों के बीच जाकर उनसे बात भी की। इसके साथ राहुल डावल गांव पहुंचे। यहां वे बच्चों से मिलकर उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। महिलाओं से भी विचार-विमर्श किया। राहुल ने सांचौर के पांच गांवों में राहत सामग्री भी बांटी। इसके साथ ही लोगों से भी हालात के बारे में पूछा। राहुल के साथ कई बड़े नेताओं ने बाढ़ पीड़ितों से बात की।
सांचौर उपखंड क्षेत्र में बाढ़ के करीब 10 दिन गुजर जाने के बाद भी कई गांवों का हालात जानने के लिए अभी तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया है। क्षेत्र के ऐसे कई गांव हैं जहां लोग आज भी बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं। उनके पास खाने के लिए भोजन नहीं है तो बीमारी से ग्रसित लोगों के पास दवाइयां नहीं हैं। गांव में कई प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं है।
गांव के लोगों द्वारा अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करवाने के बाद भी इन गांवों पर अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। अभी तक नहीं पहुंची राहत सामग्री:- उपखंड क्षेत्र के छह गांव हैं जहां दस दिन बीत जाने के बाद भी राहत सामग्री का इंतजार बना हुआ है।
उपखंड क्षेत्र के टेंबी, मरठवा, भाटवास, आकोडिया, हाजीपुर, रिड़का, कुकडिया गांव के लोग आज भी राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं। इस गांव में अब तक कोई प्रशासनिक अधिकारी भी नहीं पहुंच पाया है। भाटवास गांव में प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने की ग्रामीणों के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।