कानपुर, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड प्रदर्शन करते हुए 1359 करोड़ रुपए का ऑपरेटिंग राजस्व प्राप्त किया है। यह वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में दोगुना है।
अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवारको बताया कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण के लिए किए गए विभिन्न तरह के प्रयासों से जहां एक तरफ प्राधिकरण की आय बढ़ी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक खर्चो में भी वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में नौ प्रतिशत की कटौती दर्ज की गई है। इसके साथ ही, यूपीसीडा ने निवेशकों की सुविधा के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रचर के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है जिससे यूपीसीडा के अवस्थापना विकास व्यय में चौगुना वृद्धि हुई है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 में 104 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 415 करोड़ रूपये हो गया है।
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर माहेश्वरी ने कहा कि प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को विस्तारित करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। यूपीसीडा भूखंड आवंटन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। जिसके परिणामस्वरूप भूमि आवंटन में वृद्धि देखी गई और केवल 2023-24 में ही 693 प्लॉटों का आवंटन किया गया। इस महत्वपूर्ण पहल से जहां एक तरफ निवेशक लाभान्वित हुए हैं, वही दूसरी तरफ प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। यूपीसीडा ने भूमि बैंक का विस्तार करने के लिए लैंड ऑडिट और विभिन्न नीतिगत सुधारों जैसे परचेजेबल एफएआर, मर्जर और पार्टीशन का सिंपलीफिकेशन आदि के माध्यम से अनयूज्ड लैंड का बेहतर तरीके से उद्योग हित में उपयोग किया है और जमीन की वैल्यू अनलॉकिंग की है।
इसके अतिरिक्त ई ऑक्शन एवं निवेश मित्र पर पारदर्शी तरीकों से लैंड अलॉटमेंट करके यूपीसीडा ने निवेशकों का विश्वास जीतने में सफलता प्राप्त की है। इसके परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में निवेशकों को रिकॉर्ड संख्या में 1600 से अधिक प्लॉटों का आवंटन हुआ है एवं उत्तर प्रदेश को देश के औद्योगिक विकास का इंजन बनाने में मदद मिली है।
उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में डिजिटलीकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूपीसीडा निवेश मित्र के माध्यम से वर्तमान में 34 ऑनलाइन ई सेवाएं प्रदान कर रहा है जो कोविड-19 के पहले मात्र 2 थीं। परिणामस्वरूप 31,000 से अधिक आवेदनों का 96 प्रतिशत संतुष्टि दर के साथ निस्तारण किया गया है। इसके अलावा, कौशल विकास को बढ़ावा देने और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने अटल औद्योगिक अवसंरचना मिशन (एआईआईएम) और सुरक्षित औद्योगिक क्षेत्र परियोजनाओं जैसी पहल के तहत पिंक शौचालय और पिंक डॉरमेट्री जैसी महिला केंद्रित सुविधाओं का विकास किया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप औद्योगिक पार्कों में महिला भागीदारी और रोजगार में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण ने निवेशकों और उद्यमियों की समस्या के समाधान हेतु नागरिक सुविधा केंद्र की स्थापना की है जिसके
माध्यम से विभिन्न विभागों से संबंधित प्रश्नों का तुरंत और संतोषजनक समाधान किया जा रहा है।