नई दिल्ली, दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के निलंबित पूर्व प्रधान सचिव बीएल अग्रवाल और दो अन्य आरोपियों को रिश्वतखोरी के मामले में जेल भेज दिया है। गिरफ्तारी के बाद से आज तक अग्रवाल और दोनों आरोपी सीबीआई रिमांड पर थे। इसके पहले 28 फरवरी को कोर्ट ने तीनों की सीबीआई रिमांड चार दिन तक के लिए बढ़ा दी थी जो आज खत्म हो रही थी। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस मामले में और जांच के लिए तीनों अभियुक्तों की हिरासत की जरूरत है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और तीन मार्च तक की हिरासत बढ़ा दी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि उनकी जांच बड़े ही अहम मोड़ पर है और हवाला के जरिये लेन देने की जो चेन है उसकी जांच अभी बाकी है।
सीबीआई ने कहा कि वो ये भी जांच कर रही है कि 2010 में बीएल अग्रवाल जब छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सचिव थे उस समय दो मामले दर्ज हुए थे जिसमें अभी एक में जांच चल रही है। सीबीआई ने कहा कि बीएल अग्रवाल नोएडा के निवासी भगवान सिंह से मिले थे जिसने उन्हें सैयद बुरहानुद्दीन से मिलवाया। सीबीआई के मुताबिक अग्रवाल अपने खिलाफ चल रहे मामले को सेटल करने के लिए बुरहानुद्दीन को रिश्वत के तौर पर डेढ़ करोड़ रुपये देने को सहमत हो गया था। अग्रवाल ने पहले भगवान सिंह से संपर्क किया और जिसने 11 फरवरी को बुरहानुद्दीन से दिल्ली में मीटिंग फिक्स करवा। बुरहानुद्दीन ने कहा कि वो प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करता है और वो अग्रवाल के खिलाफ चल रहे मामलों को आसानी से सेटल करवा देगा। बुरहानुद्दीन ने अग्रवाल को ये आश्वस्त किया कि उनके केस को सीबीआई से छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में ट्रांसफर करवा देगा। इससे पहले सीबीआई ने बीएल अग्रवाल को 21 फरवरी को रायपुर से गिरफ्तार किया था और दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में पेश किया था जिसने अग्रवाल समेत दो और आरोपियों को आज तक के लिए हिरासत में भेजा था। उसके बाद 25 फरवरी को कोर्ट ने 28 फरवरी तक की हिरासत बढ़ाई थी। आपको बता दें कि 23 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार सैयद बुरहानुद्दीन को पांच दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। बुरहानुद्दीन ने अपने को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर अग्रवाल से रिश्वत ली थी। बुरहानुद्दीन को 27 फरवरी को दोबारा कोर्ट ने पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया था।
अग्रवाल 1998 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सीबीआई ने अग्रवाल के दफ्तर और दूसरे ठिकानों पर छापा मारने के बाद 21 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने बीस लाख रुपये और दो किलोग्राम सोना जब्त किया है। अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने अपने खिलाफ सीबीआई जांच को खत्म करवाने के लिए एक दलाल को रिश्वत दी थी। ये मामला तब का है जब अग्रवाल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सचिव थे। सीबीआई ने एक मामले में अग्रवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है जबकि दूसरे में जांच चल रही है।