नई दिल्ली, रूस किसी अनुभवी राजनेता को भारत का अगला राजदूत बना सकता है। श्री अलेक्सांद्र कदाकिन के निधन के बाद से यह पद खाली है। राजनयिक सूत्रों ने कहा, भारत -रूस के दोस्ताना सम्बन्धों के विशेष दर्जे के कारण इस पद पर किसी राजनेता की नियुक्ति किये जाने की संभावना है।
वैश्विक और क्षेत्रीय भू -राजनैतिक स्थिति में बदलाव के कारण रूस की विदेश नीति में बेशक रणनीतिक बदलाव आया है लेकिन भारत अब भी उसका सबसे विश्वसनीय सहयोगी है। श्री कदाकिन का 26 जनवरी को यहां निधन हो गया।वह 67 वर्ष के थे। वर्ष 2009 से भारतीय दूतावास के प्रमुख रहे श्री कदाकिन सबसे लंबे समय तक भारत में इस पद पर बने रहें। उन्होंने दोनों देशों के बीच सम्बन्धों को मजबूत बनाने में खास भूमिका निभायी। सूत्रों का कहना था कि रूस भारत के लिए दूसरा कदाकिन नहीं खोज सकता है और उसे भारत के साथ सम्बन्धों को आगे बढाने के लिए इस पद पर राजनीतिक दूरदर्शिता वाला व्यक्ति खोजने के लिए माथापच्ची करनी पड़ेगी। भारत के खास दोस्त कदाकिन ने यहां लंबे समय तक इस पद पर काम करने के दौरान सिर्फ राजनयिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कई दोस्त बना लिये थे। रूस और भारत के राजनीतिक गलियारों में उन्हें सम्मान की नजर से देखा जाता था।