इसके अलावा कई ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाने का ऐलान किया है. ये ट्रेन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों से जुड़ी हैं. भारतीय रेलवे इतने साल बीतने के बाद भी कोहरे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा सका. नीचे पढ़िए कौन-कौन सी ट्रेनें 15 फरवरी 2019 तक निरस्त रहेंगी
कोहरे की वजह से इन ट्रेनों को रद्द किया गया है:- 14265-14266 जनता एक्सप्रेस, 14307-14308 बरेली-प्रयाग एक्सप्रेस, 14221-14222 फैजाबाद-कानपुर इंटरसिटी, 14235-14236 वाराणसी-बरेली एक्सप्रेस, 12583-12584 लखनऊ जं.-आनंद विहार डबल डेकर एक्सप्रेस,11109-11110 लखनऊ जं.-झांसी इंटरसिटी.
इसके अलावा 13257-13258 दानापुर-आनंद विहार जनसाधारण, 14003-14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस, 14523-14524 हरिहर एक्सप्रेस, 14673-14674 शहीद एक्सप्रेस, 12179-12180 आगरा इंटरसिटी, 15209-15210 सहरसा-अमृतसर एक्सप्रेस, 13119-13120 सियालदह-आनंद विहार एक्सप्रेस समेत अन्य शामिल हैं. सप्ताह में तीन दिन चलने वाली ट्रेनें:- 13307-13308 गंगा सतलज एक्सप्रेस और 15203-15204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस का एक फेरा घटेगा.
13005 पंजाब मेल हावड़ा से प्रत्येक सोमवार एवं 13006 अमृतसर से प्रत्येक गुरुवार नहीं चलेगी. 13151 सियालदह एक्सप्रेस कोलकाता से प्रत्येक बुधवार और 13152 जम्मूतवी से प्रत्येक शुक्रवार नहीं चलेगी. 13049 डुप्लीकेट पंजाब मेल हावड़ा से प्रत्येक मंगलवार और 13050 अमृतसर से प्रत्येक गुरुवार निरस्त रहेगी. 12225 कैफियत एक्सप्रेस प्रत्येक गुरुवार आजमगढ़ और 12226 प्रत्येक बुधवार दिल्ली से निरस्त रहेगी. 12331 हिमगिरी एक्सप्रेस हावड़ा से प्रत्येक मंगलवार और 12332 जम्मूतवी से प्रत्येक गुरुवार नहीं चलेगी. 15705 चंपारन हमसफर एक्सप्रेस कटिहर से प्रत्येक गुरुवार एवं 15706 दिल्ली से प्रत्येक शुक्रवार नहीं चलेगी.
11123-11124 बरौनी-ग्वालियर-ग्वालियर मेल सप्ताह में दो दिन, 12595-12596 सप्ताह में एक दिन नहीं चलेगी. इन ट्रेनों के बदले गए मार्ग:- 13237/38-13239/40 पटना-कोटा एक्सप्रेस कानपुर-टूंडला-आगरा-मथुरा-भरतपुर के बजाए कानपुर के रास्ते फर्रुख्खाबाद-कासगंज-मथुरा-अछनेरा होकर भरतपुर होकर गुजरेगी. इसके अलावा ये ट्रेन सप्ताह में एक दिन कम चलेगी.बता दें कि हर साल दिसंबर से लेकर फरवरी तक भारतीय रेलवे द्वारा कई ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता है. जिससे भारी संख्या में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इसको लेकर रेलवे पहले से कोई ठोस कदम नहीं उठाता