रेलवे ने बिना गार्ड के ट्रेनों के संचालन के लिए, कार्यवाही शुरू की
May 10, 2017
नई दिल्ली, भारतीय रेलवे बिना गार्डों के 1000 ट्रेनों के संचालन के लिए प्रगतिशील उपकरण खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपये तक की वैश्विक निविदाएं जारी करेगा। एंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री (ईओटीटी) उपकरण का इस्तेमाल रेल के इंजन के चालक और ट्रेन के आखिरी डिब्बे के बीच संचार स्थापित करने के लिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि ट्रेन सभी बोगियोंःडिब्बों के साथ चले।
इस उपकरण को गार्ड के स्थान पर काम करने के लिए बनाया गया है जो ट्रेन के पीछे की तरफ से बोगियों या डिब्बों के अलग होने की स्थिति में इंजन के चालक को संकेत देता है। ईओटीटी उपकरण के प्रत्येक सेट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रुपये है। ट्रेन के डिब्बों के अलग होने की स्थिति में यह उपकरण चालक को डिब्बों के अलग होने और पीछे के डिब्बों पर बे्रक लगाने का संकेत देगा ताकि पीछे के हिस्से की ट्रेन के आगे के हिस्सों से भिडन्त होने से बचाया जा सकें। रेलवे 1000 ईओटीटी उपकरण के साथ इसकी शुरूआत करेगा और बाद में सभी ट्रेनों के लिए ऐसे उपकरण खरीदे जाएंगे।
प्रस्तावित फ्रेट कोरिडोर पर सभी मालगाडियां ईओटीटी सिस्टम के साथ चलेगी। इस परियोजना में शामिल रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम पहले चरण में 1000 ईओटीटी उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेंगे। अधिकारी ने बताया कि इंजन में एक ट्रांसमीटर लगा होता है और ट्रेन के आखिरी डिब्बे में एक रिसीवर होता है।
ट्रांसमीटर और आखिरी डिब्बे के बीच नियमित अंतराल पर सिग्नलों का आदान-प्रदान होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेन बिना किसी रूकावट के चल रही है। अगर दोनों डिब्बों के बीच संचार में रूकावट होगी तो चालक को सिग्नल मिल जाएगा कि ट्रेन के डिब्बे अलग हो गए हैं। इससे पहले रेलवे ने ईओटीटी सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। 1000 ट्रेनों में ईओटीटी सिस्टम के मौजूदा वित्त वर्ष से शुरू होने की संभावना है।