नयी दिल्ली , सरकार रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ कुछ स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। बेंगलुरु के बाद राजधानी के आनंद विहार सहित चार स्टेशनों पर पार्किंगए प्लेटफॉर्म टिकटए खानपान सेवाएंए विज्ञापनए साफ सफाईए साज सज्जाए प्रतीक्षालयए विश्रामगृह आदि का प्रबंधन इसी माह से निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य ;इंजीनियरिंगद्ध विश्वेश चौबे और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड ;आईआरएसडीसीद्ध के अध्यक्ष एस के लोहिया ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं काे बेहतर बनाने के उद्देश्य से पहली बार ष्इंटीग्रेटेड फैसिलिटी मैनेजमेंटष् शुरू किया गया है जिसके तहत पार्किंगए प्लेटफॉर्म टिकटए खानपान सेवाएंए विज्ञापनए साफ सफाईए साज सज्जाए प्रतीक्षालयए विश्रामगृह आदि का प्रबंधन एकीकृत ढंग से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरुए पुणेए सिकंदराबादए चंडीगढ़ एवं आनंद विहार स्टेशनों पर गैर परिचालन कार्यों एवं सुविधाओं काे निजी हाथों में दिया जा रहा है आैर चार स्टेशन इसी माह निजी ठेकेदारों को तीन प्लस तीन वर्षों के लिए इन कंपनियों को इसी माह हस्तांतरित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि केएसआर बेंगलुरु को पांच फरवरी को एक कंपनी काे सौंपा गया है जबकि 15 फरवरी को आनंद विहार स्टेशन को एक अन्य निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली स्टेशन से वाराणसी के लिए भारत की पहली स्वदेश निर्मित सेमीहाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे अन्य स्टेशनों खासकर ए एवं ए1 श्रेणी के तहत आने वाले स्टेशनों को भी इसी योजना के तहत लाया जाएगा।
निजी कंपनी को प्लेटफॉर्म टिकट और पार्किंग की दर तय करने का अधिकार होगा। टिकट की जांच के लिए वह मार्शलों की तैनाती करेगी। मार्शल एक प्रकार के निजी गार्ड होंगे। इनके माध्यम से यात्रियों के टिकट की जांच करके उन्हें अंदर जाने दिया जाएगा। इससे बिना टिकट यात्रियाें के स्टेशन परिसर में प्रवेश पर अंकुश लगेगा। अधिकारियों के अनुसार ये मार्शल उसी प्रकार से स्टेशन परिसर के गेट पर तैनात रहेंगे जैसे हवाईअड्डों पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान। उन्होंने बताया कि मार्शल रेल सुरक्षा बल के साथ समन्वय में सुरक्षा संबंधी काम भी करेंगे। ये यात्रियों की भीड़ को भी नियंत्रित करने में मदद करेंगे।
कंपनी को प्लेटफॉर्म पर निजी खानपान के स्टॉल लगाने एवं खानपान की वस्तुओं के दाम पर डेवेलेपमेंट शुल्क तथा शौचालयों के उपयोग पर भी शुल्क लगाने की छूट दी सकती है। उल्लेखनीय है कि भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर पार्किंग शुल्क की ऊंची दरों को लेकर जनता में भारी नाराज़गी है। लोगों को लगता है कि स्टेशन निजी हाथों में जाने पर खानपान की वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
आईआरएसडीसी स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत आनंद विहार बिजवासन एवं चंडीगढ़ स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 600 करोड़ रुपए का ऋण भारतीय रेल वित्त निगम से ले रहा है। इस समय हबीबगंज और गांधीनगर स्टेशनों का पुुनर्विकास का काम चल रहा है। चौबे ने बताया कि पांच सार्वजनिक उपक्रमों को 43 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का जिम्मा दिया गया है। आईआरएसडीसी जल्द ही नागपुरए बेंगलुरु के बैय्यप्पनहल्लीए अमृतसरए ग्वालियरए साबरमतीए एवं ठाकुरली स्टेशनों के विकास के लिए निविदा आमंत्रित करेगी और इस साल अगस्त तक काम शुरू होने की उम्मीद है।