लखनऊ, रेलमंत्री का ट्वीट को दो बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ। एक जगह बच्ची की जान बचाने के लिए ट्रेन को आधा घंटा पहले स्टेशन पहुंचाया गया तो एक जगह रेल मंत्री के ट्वीट से बच्चे तक डायपर पहुंचाया गया।ट्विटर के जरिए मदद मांगने वाले पैसेंजरों के लिए रेलवे में चार लोगों की एक हाईटेक सेल काम करती है।
यूपी के आजमगढ़ निवासी विनोद यादव अपनी बहन और चार साल की भांजी इशिता के साथ मुजफ्फरपुर-सूरत एक्सप्रेस में रात एक बजे स्लीपर क्लास बोगी एस-8 में बड़ौदा के लिए रवाना हुए। सुबह चार बजे भांजी इशिता की तबीयत बिगड़ी और उसे उल्टियां, दस्त होने लगी। लगातार तबीयत बिगड़ने पर विनोद यादव ने रेल मंत्री के ट्विटर पर अपना पीएनआर नंबर, सीट नंबर और मोबाइल नंबर लिखकर मदद की गुहार लगाई।रेलमंत्री ने तुरंत लखनऊ मंडल के अधिकारियों को सतर्क कर दिया। कंट्रोल रूम से मिले मेसेज के बाद ट्रेन को प्राथमिकता देते हुए लखनऊ तक दौड़ाया गया। इसका असर यह हुआ कि ट्रेन सुबह 10:05 बजे की जगह 9:35 बजे ही चारबाग स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर पहुंच गई। वहीं, रेलवे की डॉक्टर रीता भी समय से पहले स्टेशन पर आ गईं। ट्रेन पहुंचने पर उन्होंने इशिता का उपचार किया।
राघव झा अपनी पत्नी प्रतिभा और बेटे के साथ बिलासपुर जा रहे थे। बच्चा गीली पैंट की वजह से लगातार रो रहा था। राघव ने सुरेश प्रभु को ट्वीट करके परेशानी बताई। ट्वीट में लिखा कि बच्चे को डायपर की जरूरत है। ट्वीट मिलते ही रेलवे के हाईटेक सेल ने रांची के डीआरएम को इन्फॉर्म किया। डीआरएम ने बोकारो स्टेशन को मैसेज किया और आरपीएफ इंचार्ज संजीव सिन्हा कमर्शियल टीम के साथ बाजार गए और डायपर खरीदा।
ट्रेन शाम 6:35 पर बोकारो स्टेशन पहुंची, तो आरपीएफ की टीम राघव की बर्थ पर पहुंची और बच्चे के लिए डायपर सौंपा।