हैदराबाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुख जताने और न्यायिक जांच की घोषणा के बावजूद दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर सियासी उबाल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी इस मुद्दे पर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एचसीयू) परिसर में माहौल गर्म रहा। मामले में विवाद के बीच यूनिवर्सिटी में इस्तीफों का दौर जारी है। इसी सिलसिले में आज हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 13 और फैकल्टी सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। अपने आंदोलन को तेज करते हुए छात्रों ने कैंपस में जुलूस निकालकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन विरोधी नारेबाजी की। चलो एचसीयू अभियान के तहत कई राज्यों के छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। वैसे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पूरे परिसर को छावनी तब्दील कर दिया था। आंदोलनकारी छात्रों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने पुलिस पर आरोप लगाया कि छात्रों को कैंपस पहुंचने से रोका जा रहा है। जेएसी ने धमकी दी है कि अगर उसकी मांगें नहीं मानी गई तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बंद का आह्वान किया जाएगा। उधर छात्रों के दूसरे बैच का आमरण अनशन सोमवार को भी दूसरे दिन जारी रहा। इस बीच डॉ. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर ने भी आंदोलनकारी छात्रों से यूनिवर्सिटी परिसर पहुंच कर मुलाकात की। उन्होंने छात्रों के आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया। विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी टीवी राव के अनुसार, देश के कई हिस्सों से छात्र परिसर पहुंचे हैं। वैसे हालात नियंत्रण में हैं। जबकि साइबराबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त टीवी शशिधर रेड्डी ने कहा, पहचान पत्र के आधार पर ही परिसर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। जेएसी का आरोप है कि उनके आंदोलन को विफल करने के लिए छात्रों के परिसर प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। इसके बावजूद छात्रों ने एचसीयू शापिंग कांप्लेक्स से लेकर मेन गेट तक प्रदर्शन किया। इसमें कालिकट यूनिवर्सिटी (केरल), पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, ओस्मानिया यूनिवर्सिटी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हिस्सा लिया।