लखनऊ,उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी व गैर सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए उसके सरगना सहित चार सदस्यों को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लखनऊ और उसके आस-पास के जिलो में डाक विभाग, भारतीय सेना, एसएसबी, एफसीआई, रेलवे एवं एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के सक्रिय होने सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में एसटीएफ मुख्यलय पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चन्द्र श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में एक टीम को सूचना संकलन एवं छानबीन के लिए लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि शनिवार शाम सूचना संकलन के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि सरकारी व गैर सरकारी विभागों में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना महेश सिंह अपने साथियों के साथ पर्यटन भवन गोमतीनगर के गेट नम्बर-तीन के पास खड़ा है और कुछ लड़को को सरकारी विभागों में भर्ती के नाम पर बातचीत करने के लिये उन्हें बुलाया है। इस सूचना पर उपनिरीक्षक पवन कुमार सिंह के नेतृत्व में एक को वहां रवाना किया गया और घेराबंदी कर गिरोह सरगना बलिया निवासी मिथलेश राजभर ,महराजगंज निवासी महेश सिंह लखनऊ निवासी रितेश श्रीवास्तव और विपिन कुमार को शनिवार शाम करीब सात बजे गिरफ्तार कर लिया।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार ठगों के कब्जे से डाक विभाग,रेलवे ग्रुप सी, भारतीय सेना,एफसीआई,पुलिस विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्रों के अलावा छह मोबाइल फोन,लैपटाप, प्रिन्टर और अन्य कागजात ,कार्ड आदि बरामद किए। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ एवं इनसे प्राप्त कूटरचित अभिलेखों से पाया कि इनका एक संगठित गिरोह है और यह कई वर्षो से सक्रिय हैं। ये लोग इंटरनेट पर सरकारी नौकरी की वेबसाइट चेक करते रहते थे, इसके उपरान्त इन लोगों द्वारा यह पता लगाया जाता था, कि किस-ंकिस सरकारी विभाग एवं गैर सरकारी विभागों में भर्तियां निकली है। भर्तियों का विज्ञापन निकलने के उपरान्त इन लोगों द्वारा इच्छुक अभ्यथियों को भेजकर फार्म भरने के लिये कहा जाता था।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा संबंधित विभाग के विज्ञापन के अनुसार फार्म भरावाते थे। उसके बाद गिरोह के सदस्य भर्ती करवाने का झांसा देकर युवको से विभाग के अनुसार पैसे की मांग करते थे और एडवान्स के रूप में कुछ पैसा मिलने के उपरान्त अभ्यर्थियों को पूर्व से तैयार किये गये फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया जाता था। इन लोगों द्वारा यह भी बताया गया कि अब तक इन लोगों द्वारा लगभग 80-90 लोगों के साथ इस प्रकार से ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध पूर्व से लखनऊ के थाना गोमतीनगर में मु0अ0सं0 430/2021 धारा 419/420/467/468/471 भादवि के तहत मुकदमा पंजीकृत है। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।